दुनिया में ऐसे तमाम तानाशाह हुए हैं, जिनके इशारों पर खून की नदियां बहा दी गईं, जिन्होंने लाखों लोगों को मौत के घाट उतरवा दिया, जिन्होंने असंख्य मानवों की लाश पर खड़े होकर अट्टहास किया और जिन्होंने पूरी मानवता को लहुलुहान किया। आइए जानते हैं कुछ ऐसे क्रूर और सनकी तानाशाहों के बारे में…
चंगेज खान: चंगेज खान मंगोलिया का महान योद्धा था। जिसने अपनी तलवार के दम पर समूचे एशिया को जीत लिया था। वो भारत भी आया, लेकिन सिंधु नदी के तट से दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश के हार मानने के बाद वापस लौट गया। चंगेज खान ने अपने जीवन भर की लड़ाईयों में लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया। उसकी निर्दयता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता था कि वो जिधर से निकलता, वहां थोड़ा सा भी विरोध होने पर आस-पास के इलाकों को भी खून से लथपथ कर देता था। उसकी इसी निर्दयता के कारण पश्चिम एशिया तक के राजाओं ने उसके सामने हार मान ली। चंगेज खान का वास्तविक नाम तेमुजिन था। जिसकी अधीनता स्वीकार करने के बाद तमाम कबीलों के राजाओं ने उसे चंगेज खान(समद्रों के राजा) की उपाधि दी। चंगेज खान ने ही प्रसिद्ध मंगोल साम्राज्य की नींव डाली। जिसका पूरी दुनिया के 22फीसदी इलाके पर कब्जा था।
तैमूर लंग: तैमूर लंग बचपन से लंगड़ा था। वो किसी राजकुमार की तरह राजवंश में नहीं जन्मा था। लेकिन लड़ाकू लोगों की सेना बनाकर उसने भारत समेत दक्षिणी, पश्चिमी और मध्य एशिया पर अपनी तलवार के दम पर साम्राज्य स्थापित किया। उसका दिल्ली पर धावा सबसे मशहूर है, जब उसने दिल्ली में एक ही दिन में लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया और यमुना नदी में आस-पास के इलाकों से पानी आने की वजह नालों से रक्त भरकर नदी में गिरा। तैमूर लंग का नाम सुनते ही आज भी लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। तैमूर लंग दूसरा चंगेज खान बनना चाहता था।
कैलीगुला उर्फ रोमन गायस सीजर: रोम का शासक। इसने खुद को भगवान घोषित कर दिया। जिसने भी मानने से इनकार किया, उसे मौत के घाट उतार दिया। इस दौरान रोम का काफी विकास हुआ, लेकिन थोड़े ही समय बाद जब ये दिमागी रूप से बीमार हुआ, तो क्रूरता की हद पार कर गया। उसकी क्रूरता का आलम यह था कि वह अपराधियों को शेर के पिंजरे में छोड़ देता था। कई बार वह अपराधियों की जीभ काटकर उन्हें शेर के पिंजरे में छोड़ देता था, ताकि अपराधी चीख न सकें। महज 4 साल के शासन में इसने हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इसपर हॉलीवुड की एक फिल्म भी बनीं, जो इसकी क्रूरता की वजह से कई देशों में अब भी बैन है।
महमूद गजनवी: महमूद गजनवी वास्तव में एक लुटेरा था। जिसने भारत देश में 18 बार कत्लेआम मचाया। इसके रास्ते में आने वाले हर इन्सान को मौत के घाट उतार दिया जाता था। ये अधिकतर धनी जगहों पर हमले करता था। जिसमें वो ज्यादा से ज्यादा धन लूट सके। इस बीच उसने हजारों मंदिरों को तोड़ा और पुजारियों का कत्लेआम किया।
अत्तिला हूण: अत्तिला हूण (406-453) या अत्तिला होश संभालने के बाद से अपनी मौत तक हूणों का राजा था। यह हूण साम्राज्य का नेता था जो जर्मनी से यूराल नदी औरडैन्यूब नदी से बाल्टिक सागर तक फैला हुआ था। इतिहासकारों ने ‘भगवान का कोड़ा’ (Scourge of God.) कहा। अत्तिला ने रोम को पूरी तरह से कुचल दिया था और सेन नदी के नजदीक त्राय मैदान पर रोम को बुरी तरह हराया और पूरे नगर को नष्ट कर दिया। अत्तिला हूण के खौफ ने भारत तक में हूणों के आतंक का लोहा मनवाया। अत्तिला के सैनिकों ने भारत में गुप्त वंश की जड़े मिटा दी और लगातार भारत में लूटापाट करते रहे। अत्तिला के नाम से पूरा पश्चिमी-दक्षिणी एशिया के साथ ही पूरा यूरोप कांपा करता था। दुनिया में मंगोलों के बाद हूणों को सबसे ज्यादा निर्दयी माना जाता है।
इवॉन-द टेरिबल (रूसी जार): रयूरिकोविच वंश 16वीं सदी के मध्य में रूस पर राज्य करने वाले ज़ा का नाम इवॉन था। जिसे सारी दुनिया ‘इवान द टेरिबल’ के नाम से जानती है। बहुत कम उम्र में पिता का साया उठ जाने की वजह से बचपन को अभाव में गुजारा। लेकिन बड़े होते ही सभी विरोधियों को मौत के घाट उतार दिया। इसके आतंक से कोई अछूता न रहा। इसके राज में तमाम दुर्घटनाएं हुई। मॉस्को शहर कई बार जला और बर्बाद हुआ। इसके सर अपने ही बेटे की पीटकर जान लेने का भी कलंक है। इसका एक बेटा आया के हाथों से छूटने से नदी में गिरकर मर गया। जिसके इसके पापों की वजह समझा गया।
एडोल्फ हिटलर: एक मजदूर के तौर पर हिटलर शुद्ध रक्त आर्य के सिद्धांत पर जर्मनी को दुनिया का सिरमौर बनाना चाहता था। नाजी पार्टी के नाम लाखों की हत्याओं का कलंक है। हिटलर के आदेश पर लाखों लोगों को रसायनिक हथियारों और गोलियों के दम पर मौत के घाट उतार दिया गया। हिटलर ने लाखों यहूदियों, कुर्दों का नरसंहार कराया। दुनिया को दूसरे विश्वयुद्ध में झोंकने वाले हिटलर के नाम से आज भी पूरी दुनिया खौफ खाती है। यही वजह है कि हिटलर से जुड़ी तमाम चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
रोबेसपियरे: फ्रांस की क्रांति के दौरान काफी समय तक आतंक का दूसरा नाम। उसने पूरे देश में विरोधियों की सामूहिक हत्याएं करवाई। 18वीं सदी में रोबेसपियरे ने छोटे से जीवन में ही हजारों(कई आंकड़ों में लाख से ऊपर) लोगों की हत्याए कराई। खुद ही हथियारों के साथ लड़ाई के मैदान में मोर्चा संभालना और सरकारी बैठकों में हिस्सा लेने प्रिय सगल था। इसके आतंक का ही परिणाम था, कि जब इसे सत्ता से हटाया गया, तो बिना किसी मुकदमे के गुलोटिन से इसका सर धड़ से अलग कर दिया गया।
व्लैड ड्रैकुला: ड्रैकुला, भयानक चेहरा, बड़े और पैने दांतों से आदमी का खून पीने वाला शैतान। इस का नाम लेते ही बदन में डर के मारे सिहरन सी दौड़ जाती है। आपने फिल्मों में ही ड्रैकुला का नाम सुना होगा, लेकिन उसकी प्रेरणा है व्लैड ड्रैकुला। जो वेलेंसिया का राजकुमार था। हालांकि ये खून नहीं पीता था, लेकिन लोगों के खून बहते हुए देखना इसका प्रिय शगल था। ये लोगों को घोड़ों के टापुओं से कुचल देता था। और घोड़ों के पैरों को आदमी के शरीर से आर-पार कर देता था। ये व्लैड-द इंपलर उपनाम से मशहूर है। और दुनिया का सबसे बड़ा खूनी समझा जाता है। इसने वेलेंसिया की कुल आबादी के 20 फीसदी लोगों यानि एक लाख से अधिक लोगों को ऐसी यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा, जिनके बारे में लोग आज भी जानकर सिहर जाते हैं। सन 1476 में इसकी मौत के बाद लोगों ने राहत की सांस ली।
लियोपॉर्ड द्वितीय: लियोपॉर्ड द्वितीय बेल्जियम का राजा था। इसने कांगों में लाखों लोगों को मौत के घाट उतरवा दिया। लियोपॉर्ड द्वितीय ने 1865 में अपनी मौत से पहले कांगो को फ्री स्टेट घोषित करने की कोशिश की। इसने केंद्रीय अफ्रीका के कांगों देश में 14 बार नरसंहार कराए। जिसकी वजह से ये बेहद क्रूर शासक के तौर पर जाना जाता है।
साभार: आईबीएन खबर