हाथ में पाइप पकड़ कर एक के बाद एक इरादतन खून करता सायको किलर(नवाजुद्दीन सिद्दिकी) और बन्दूक से गोलियां बरसाता बेलगाम पुलिस ऑफिसर(विक्की कौशल) तथा आधुनिक समाज में नारी की नयी परिभाषा गड़ती एक नायिका और संवैधानिक चेतावनी देने के बाद ढेर सारा नशा परोसती अनुराग कश्यप की फिल्म रमन राघव २.० ।
अनुराग कश्यप ने साठ के दशक में कुख्यात मुंबई के साइको-किलर रमन राघव की मनोदशा को परदे पर उतारने की कोशिश है ! जिसमें वे सफल भी हुए हैं,अनुराग की फिल्म में संवादों में गाली गलौज होना आम बात है किन्तु फिल्माए गए दृश्यों के हिसाब से वे ओछे प्रतीत नहीं होते ! ब्लैक शैड की रमन राघव २.० आपको कहीं-कहीं डरने पर मजबूर कर देगी! हत्याओं का सिलसिला पूरी फिल्म में थमता नहीं है! अगर आपको लाल रंग से कोई परहेज नहीं है और उम्दा संवाद सुनने के हिसाब से फिल्म देखते हैं तो आप निराश नहीं होंगे।
रमन बने नवाजुद्दीन सिद्दिकी और राघव बने विक्की कौशल चेहरे अलग जरूर हैं लेकिन एक उनके किरदार जुड़े हैं ! इंसान के अंदर सतहों में दबे अवसादों को चयनित कर दो अलग किरदारों में एक चेहरा गड़ने की कोशिश है रमन राघव 2.० ! नवाजुद्दीन थिएटर कला से निकली बेहतरीन प्रतिभाओं में से एक हैं ऐसा लगता है की यह किरदार उनको ध्यान में रख के ही गढ़ा गया है ! विक्की कौशल भी अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रहे हैं ! सोभिता धुलिपाला को प्रारम्भ में थोड़ा स्पेस दिया गया है और वह उस स्पेस को भरने में सफल हुई है। रमन की बहन के किरदार में अमृता सुभाष ने अपने लिए आगे अधिक सम्भावनाएं पैदा की है।
कुल मिलकर अनुराग कश्यप ने सिक्के के नीचे के पहलू (डार्क साइड) में किरदारों का बेहतरीन ताना बाना बुना है। उसमें वह दर्शकों को फंसा पाएंगे की नहीं यह भविष्य के गर्त में है। अगर आप डार्क सिनेमा को समझ सकते हैं और बेहतरीन अदाकारी से रूबरू होना चाहते हैं तो जाइये और देख आइए रमन राघव २.० !