मुगल खून का वारिस था , दिल्ली का कोतवाल था ;
अंग्रेजों से डर कर भागा , वरना गर्दन से हलाल था ।
गाजी गयासुद्दीन नाम था उसका , पीछे पड़ा अंग्रेज था ;
अंग्रेजों से जान बचाने , गंगाधर नेहरू छद्म नाम था ।
उसने केवल नाम ही बदला , मजहब वही पुराना था ;
एक- प्रतिशत भी हिंदू न था , शत-प्रतिशत इस्लामी था ।
गाजी गयासुद्दीन का पोता , मुगल जवाहर लाल था ;
पंडित नेहरू कतई नहीं था , पूरा रंगा सियार था ।
सौ प्रतिशत ये इस्लामी था , हिंदू का जानी- दुश्मन था ;
पाकिस्तान बनाया इसने , बाद में भी संरक्षण था
हिंदू – धर्म मिटाने का , इसका पूरा षड़यंत्र था ;
ये एजेंडा लागू करने का , संविधान भी यंत्र था ।
तुष्टीकरण बढ़ाया इसने , अल्पसंख्यकवाद की रचना की ;
हिंदू को कमजोर बनाने , झूठे – इतिहास की रचना की ।
हिंदू – शिक्षा नीति हटाकर , गंदी- शिक्षा नीति बनायी ;
सारे शिक्षा मंत्री जेहादी , जेहाद की ही रणनीति बनायी ।
महामूर्ख हैं सारे हिंदू , अब तक इसको न जाना ;
नेहरू जैसे जेहादी को , इन मूर्खों ने हिंदू माना ।
हिंदू – नेता परम- मूर्ख हैं , पूरे कायर – जिम्मी हैं ;
सच से डरकर सदा भागते , ऐसी कौम निकम्मी है ।
संविधान को फौरन बदलो , इसमें भरी शरीयत है ;
नेहरू तो खैर इस्लामी था , पर तेरी भी क्या नीयत है ?
नेहरू मुस्लिम,इंदिरा मुस्लिम,इनका खानदान सब मुस्लिम;
हिंदू का चोला ओढ़े हैं , इनका पूरा एजेंडा मुस्लिम ।
हिंदू अपनी तजें मूर्खता , अब तो सारे होश में आओ ;
हिंदू – धर्म बचेगा तब ही , देश को हिंदू – राष्ट्र बनाओ ।
केवल हिंदू – धर्म ही ऐसा , सबकी रक्षा करता है ;
बाकी सारे मजहब में तो , जो भी अलग है मरता है ।
पूरा विश्व अमन जो चाहे , धर्म – सनातन को अपनाये ;
वरना कोई नहीं बचेगा , ऐसा आतंकवाद ही आये ।
ढाई – साल बचे हैं बाकी , अब तो ठीक से काम करो ;
निर्भय होकर कड़े फैसले , सारी साजिश नाकाम करो ।
संविधान की करो मरम्मत , हर हालत में राष्ट्र बचाओ ;
राष्ट्र की रक्षा में है जरूरी , देश को हिंदू- राष्ट्र बनाओ ।
“वंदेमातरम-जयहिंद”
रचयिता:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”