Chitransh Saxena. मुकेश अंबानी की रिलायंस ने ऑक्सीजन की किल्लत के बीच ५०० मिलियन टन की पूर्ति करते हुए २४ आई.एस.ओ. ऑक्सीजन कंटेनर पहुंचाएं। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का कहना है कि कुछ दिनों के भीतर वायु सेना, ARAMCO और ब्रिटिश पेट्रोलियम की सहायता से और भी आई.एस.ओ. ऑक्सीजन कंटेनर्स पहुंचाएँगे। इस महामारी के समय में भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी ने रिलायंस का ऑक्सीजन उत्पादन लगभग शून्य से बढ़कर १०० मिलीयन टन कर दिया है और १८ राज्यों में निशुल्क पहुंचा रहे हैं।
जहां भारत के उद्योगपति भारत की आर्थिक एवं बुनियादी ढांचे को खड़ा करने में मदद कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर कुछ आंदोलनजीवी उनको निरन्तर नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं। पंजाब में पिछले साल अंबानी को नुकसान पहुंचाने के लिए आंदोलनजीवियों के द्वारा जिओ के १५०० टावर गिराए गए किन्तु उन्हें पिछले साल ही कनाड़ा की कंपनी ब्रोकफील्ड को बेच दिया गया था।
कल रिलायंस ने मीडिया को सूचित करते हुए कहा कि अप्रैल २०२१ में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भारत के करीब १५ लाख मरीजों तक १५,००० मिलियन टन ‘मेडिकल ग्रेड लिक्विड ऑक्सीजन’ निशुल्क उपलब्ध करवाई है। मुकेश अंबानी स्वयं अपने निरीक्षण में जामनगर स्थित कारखाने की उत्पादन क्षमता की बढ़ोतरी के लिए प्रयासरत हैं। ए०न०आई० के हवाले से आई खबर के अनुसार इस बढ़ोतरी के बाद रिलायंस भारत के मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन का ११% योगदान दे रहा होगा। जिससे भारत के लगभग १० मैं से एक व्यक्ति की जरूरत पूरी होगी ।
३० अप्रैल को भारत के उच्चतम न्यायालय ने मुकेश अंबानी के प्रयासों के लिए उनका अभिवादन किया। जामनगर में जहां विश्व की सबसे विशाल डीज़ल, पेट्रोल रिफाइनरी हब हैं, वह भारत के लिए मेडिकल ऑक्सीजन खपत को पूरी करने के लिए आगे आए। न्यायालय की अप्पर सचिव सुमिता दावर ने ३० अप्रैल को रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अम्बानी की प्रशंसा करते हुए कहा “एक प्रशासक के रूप में यह मेरे लिए आंखें खोलने वाला है कि, कैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने जामनगर में एल.एम.ओ. (लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन) का उत्पादन किया और अब बड़ाकर ७०० मिलियन टन ले गए।”
मुकेश अंबानी ने महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर २५० बेड वाला कोविड-विशिष्ट हस्पताल, एक और सौगात के रूप में भारतीयों को समर्पित किया। सभी तथाकथित-आंदोलनजीवी भारत के विशिष्ट उद्योगपतियों का विरोध और नुकसान पहुंचा रहे हैं। किंतु वास्तव में ऐसे संकट में उद्योगपति भारत की असीम सहायता कर रहे हैं।
इसका उदाहरण है पिछले साल दिसंबर में किसान आंदोलन की आड़ में मुकेश अंबानी को नुकसान पहुंचाने के लिए आंदोलनजीवियों ने १५०० टेलीकॉम टावर पंजाब में गिरा दिए। पुनः अम्बानी पर २६ फरवरी को डराने के लिए मुंबई की दूषित सरकार ने अंबानी के एंटीलिया निवास पर जेलैटिन विस्फोटक की २० छड़ियाँ छोड़ी। अंबानी को विशेष सुरक्षा के बावजूद उन पर शारीरिक और आर्थिक धमकियां दी गई।
इसी प्रकार की धमकियाँ सीरम इंस्टिट्यूट के सी.ई.ओ. अदार पूनावाला को मिल रही हैं। किंतु मुकेश अंबानी आज भी समय-समय पर भारत की कई प्रकार से मदद कर रहे हैं। पिछले साल रिलायंस ने कई उद्योगपतियों के भांति ५०० करोड़ ‘पीएम केयर्स’ में भी समर्पण दिए और ‘मिशन अन्न सेवा’ के अंतर्गत ५.५ करोड़ लोगों को भोजन वितरण कर लॉकडाउन में सहायता भी करी। दिल्ली में २००० बेड वाले ‘सरदार पटेल कोविड़ केयर सेंटर’ में सरकार को डिजिटल एवं चिकित्सा व्यवस्था में सहायता करी और अब भारत को जब ऑक्सीजन की आवश्यकता हैं तब १८ राज्यों को निशुल्क ऑक्सीजन उपलब्ध करा रहे हैं।
मीडिया जगत की कुछ हस्तियों का यह भी कहना है कि “किसान आंदोलन की आड़ में जिस अम्बानी को गाली दी गयी, तरह-तरह से निशाना साधा गया, वही मुकेश अम्बानी ‘मिशन ऑक्सिजन’ का नेतृत्व कर रहे हैं। विदेशों से ऑक्सिजन टैंकर एयरलिफ़्ट करवाकर देश की ऑक्सिजन ज़रूरत का ११% पूर्ति केवल अम्बानी ही कर रहे है।“