विपुल रेगे। अभिनेता मुकेश खन्ना का प्रसिद्ध धारावाहिक ‘शक्तिमान’ पुनः वापसी कर रहा है। नए रुप में शक्तिमान धारावाहिक में नहीं अपितु तीन फिल्मों में दिखाई देगा। इसका प्रोमो आते ही दर्शकों में चर्चा शुरु हो चुकी है। घोषणा होते ही वह एक वर्ग विषवमन करने लगा है, जो जनरल बिपिन रावत, लता मंगेशकर, रोहित सरदाना के निधन पर प्रसन्नता व्यक्त करता है।
शक्तिमान के प्रशंसक चाहते हैं कि फिल्म में उनके नायक को वैसे ही प्रस्तुत किया जाए, जैसा वह धारावाहिक में था। कई दर्शकों ने आशंका प्रकट करते हुए कहा है कि तपोबल से शक्तियां पाया शक्तिमान कहीं फिल्म की ट्रायलॉजी में सेक्युलर रुप में प्रस्तुत न कर दिया जाए। ये मानने में किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए कि ‘शक्तिमान’ भारतीय दर्शकों के लिए एक ‘कल्ट’ रचना बन चुकी है।
सन 1993 में शुरु हुए इस धारावाहिक ने वैसी ही लोकप्रियता बटोरी थी, जैसी रामायण, महाभारत और चंद्रकांता संतति ने कमाई थी। शक्तिमान की पृष्ठभूमि नितांत भारतीय थी। शक्तिमान को स्वयं अपनी अलौकिक शक्तियां तप और ध्यान करने पर मिली थी। वह ऐसा सुपर हीरो था, जिसकी शक्ति का मूल सनातन से आता था।
जैसे ही शक्तिमान को लेकर फिल्मों की घोषणा हुई, इसके नए कथानक को लेकर दर्शकों में संशय की स्थिति बन गई है। संशय की स्थिति बनने का कारण बॉलीवुड का वह चरित्र है, जिससे लोग अब चिढ़ने लगे हैं। बॉलीवुड की फिल्मों में सेकुलरिज्म की इतनी अधिकता हो चुकी है कि उसके बहाने अब सनातन समाज पर निशाना साधा जाने लगा है।
यही कारण है कि शक्तिमान को लेकर तीन फिल्मों को लेकर परंपरागत दर्शक संदेह प्रकट कर रहे हैं। मीडिया बता ही रहा है कि शक्तिमान को लेकर बन रही तीन फिल्मों को लेकर काफी नवीनता दिखाई देने वाली है। मुकेश खन्ना भीष्म इंटरनेशनल और ब्रूइंग शॉट्स प्राइवेट लिमिटेड मिलकर शक्तिमान पर तीन फ़िल्में बनाएँगे। सोनी पिक्चर्स इंटरनेशल ने इसके प्रदर्शन अधिकार खरीद लिए हैं।
ये तीनों फ़िल्में तमिल, तेलुगु और मलयालम भाषाओँ में भी प्रदर्शित होगी। फिल्म में शक्तिमान का किरदार कौन करेगा, ये अब तक तय नहीं किया गया है। इसके अलावा फिल्म का निर्देशक कौन होगा, इस पर अभी पर्दा पड़ा हुआ है। ट्वीटर पर शक्तिमान को लेकर जो कमेंट आ रहे हैं, उनसे लग रहा है कि दर्शक इस बात से चिंतित हैं कि कहीं शक्तिमान का मूल स्वरुप ही नहीं बदल दिया जाए।
भारतीय फिल्मों का पहला स्वीकार्य सुपर हीरो तो ‘मिस्टर इंडिया’ था। उसके बाद हम ‘कृष’ को अगला स्वीकार्य सुपरहीरो मान सकते हैं। मुकेश खन्ना क्या स्वयं फिल्म निर्देशित करेंगे या किसी और निर्देशक को अवसर देंगे। हिन्दी फिल्म उद्योग में ऐसे निर्देशक ही नहीं हैं, जो साइंस फिक्शन को हॉलीवुड की तरह परदे पर साकार कर सके। इसके लिए मुकेश खन्ना को दक्षिण की सहायता लेनी चाहिए।
शक्तिमान का नया चेहरा भी वे दक्षिण में तलाश सकते हैं। दर्शकों की आशंकाएं मुकेश खन्ना तक अवश्य पहुंचनी चाहिए। उनको स्पष्ट करना चाहिए कि शक्तिमान की शक्तियों का स्त्रोत सनातन से ही आएगा या नहीं।