Archana Kumar. माफिया डॉन और विधायक मुख्तार अंसारी की गाड़ी बिना पलटे आखिरकार करीब 14 घंटे के सफर के बाद बुधवार सुबह करीब 4.30 बजे बांदा जेल पहुंच गया और उसका नया ठिकाना बना है बैरक नंबर 16 पुलिस के अनुसार भारी सुरक्षा इंतजाम के बीच मुख्तार अंसारी का काफिला बांदा जेल पहुंचा और सुबह करीब 4 बजाकर 26 मिनट पर बांदा जेल का दरवाजा खोल दिया गया। उस समय काफिले की बाकी गाड़ियां रूक गईं और मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस जेल में दाखिल हो गई।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि बांदा जेल में दाखिल होने के बाद मुख्तार अंसारी ने कहा कि वह काफी थक गया है और आराम करना चाहता है, इसलिए उसे सीधे बैरक नंबर 16 पहुंचाया गया, इससे पहले उससे चाय के लिए पूछा गया लेकिन उसने मना कर दिया। बांदा जेल प्रशासन का कहना है कि सुबह 10 बजे मुख्तार अंसारी का कोरोना टेस्ट होने के बाद जेल में विधिवत तरीके से शिफ्ट कर दिया गया ।
बांदा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी फिलहाल पंजाब से आए मेडिकल फाइल का परीक्षण कर रहे हैं जबकि मुख्तार अंसारी को आइसोलेशन में रखा गया है और किसी से मिलने की उसे इजाजत नहीं दी गई है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि करीब 900 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद मुख्तार अंसारी को सड़क के रास्ते बांदा लाया गया और इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। मुख्तार अंसारी के काफिले में मौजूद सभी गाड़ियों में जीपीएस लगा हुआ था ताकि पल-पल की मॉनिटरिंग की जा सके ।
बांदा जेल प्रशासन का कहना है कि. मुख्तार को बांदा जेल की बैरक नंबर-15 में रखने का प्लान है लेकिन अभी उसे बैरक नंबर 16 में रखा गया है। बांदा से करीब 150 पुलिसकर्मियों की टीम मुख्तार को लाने रोपड़ गई थी और सभी पुलिसकर्मियों के मोबाइल जप्त कर दिए गए थे । सूत्र बताते हैं कि जेल को मौज मस्ती का ठिकाना, लग्जरी आवास मानने वाले माफिया डॉन मुख्तार अंसारी बांदा जेल आकर घबरा रहा है। बुधवार सुबह मुख्तार अंसारी को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जब बांदा जेल लाया गया।
तब यहां चार डॉक्टरों ने मुख्तार अंसारी का मेडिकल चेकअप किया, जिसमें वह पूरी तरह से स्वस्थ पाया गया। आपको जानकर हैरानी होगी कि पंजाब में व्हीलचेयर पर दिखाई देने वाला मुख्तार अंसारी बांदा पहुंचते ही अपने पैरों पर चलने लगा और एंबुलेंस से उतर कर अपने पैरों पर चलकर जेल के अंदर गया।किसी समय मुख्तार अंसारी को वीआईपी सुविधा मिलती थी, पुलिस अफसर उसके साथ बैडमिंटन खेलते थे और दावत में मुर्गेे चिकन खाते थे लेकिन उसे अब जेल की सूखी रोटी और दाल खाने पड़ेंगे।
सपा और बसपा सरकार के चहेते मुख्तार अंसारी को 2017 में भाजपा की सरकार आने के बाद बांदा जेल में डर लगने लगा। उसने सोची समझी साजिश के तहत पंजाब केेे एक मामलेे को लेकर अपना जेल बदलवा लिया था। उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि मुख्तार अंसारी को बांदा जेल के अंदर किसी भी तरह का वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा। आम कैदियों की तरह उसे सुविधाएं दी जाएंगी। सिर्फ सुरक्षा के लिहाज से चाक-चौबंद सुरक्षा इंतजाम किया जाएगा।
सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से उसकी हर एक गतिविधि पर नजर रखी जाएगी एवं जेल के अंदर आने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखी जाएगी। इतना ही नहीं बांदा जनपद में हाल ही में आए नए किरायेदारों का सत्यापन कराया जाएगा। वहीं स्वास्थ्य कारणों को आगे करने वाले मुख्तार अंसारी की देखरेख के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बांदा मेडिकल प्राचार्य राजेंद्र यादव ने 4 डॉक्टरों की टीम बनाकर मुख्तार अंसारी के स्वास्थ्य की देखरेख करने के लिए लगा दी है। 14 घंटे के चुनौतीपूर्ण सफर के बाद यूपी पुलिस का मिशन मुख्तार अंसारी की घर वापसी पूरी तरह से सफल हुआ ।
अब देखना यह होगा कि आगे मुख्तार अंसारी क्या चाल चलता है और प्रदेश में बैठी योगी सरकार उसकी चाल को कैसे नाकामयाब बनाती है। 5 बार से लगातार विधायक बन रहा मुख्तार अंसारी विवादित छवि का है और बीजेपी को छोड़कर उत्तर प्रदेश की हर बड़ी पार्टी में शामिल रहा है तथा उस पर हत्या से लेकर उगाही तक के संगीन मामले दर्ज हैं।
इनमें मोहम्मदाबाद के बीजेपी विधायक रहे कृष्णानंद राय की हत्या सबसे अधिक चर्चित हुआ था । इस बीच लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी ने बड़े अधिकारियों के साथ हाई लेवल बैठक की और इस बैठक में सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बांदा जेल में मुख्तार को कोई भी अतिरिक्त सुविधा नहीं मिलनी चाहिए। इतना ही नहीं मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में सामान्य बंदी की तरह रखा जाए।
सूत्रों का कहना है कि इस दौरान भाजपा सांसद बृजलाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मंगलवार देर रात मुलाकात की और बृजलाल ने मुख्तार अंसारी के मददगार अफसरों और उनके गैंग के शूटरों के बारे में अहम जानकारी साझा की। उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना है कि मुख्तार के बैरक की निगरानी ड्रोन कैमरे से की जाएगी और इस बैरक को सीसीटीवी कैमरे से कवर कर दिया गया है।