बिहार में नीतीश कुमार को मुंगेर हिंसा की वजह से खामियाजा उठाना पड़ सकता है। चुनाव आयोग ने भी बृहस्पतिवार को हुई हिंसा के बाद डीएम राजेश मीणा और एसपी लिपी सिंह को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। अब रचना पाटिल को मुंगेर डीएम की जिम्मेवारी दी गई है जबकि आईपीएस मानवजीत सिंह ढिल्लो मुंगेर के नए पुलिस कप्तान बनाए गए हैं। बाहुबली विधायक अनंत सिंह को गिरफ्तार कर चर्चा में आई लिपि सिंह जनता दल यू के महासचिव आर एस पी सिंह की बेटी है
जबकि मुंगेर में हुए हिंसा को लेकर 7 दिन के भीतर आयोग ने रिपोर्ट मांगी है। बिहार निर्वाचन आयोग ने मगध प्रमंडल के कमिश्नर असंगबा चुबा आव को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल मुंगेर में 26 अक्टूबर को मां दुर्गा की मूर्ती विसर्जन के दौरान हिंसा में एक अनुराग नामक हिंदू युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। इस घटना को लेकर पुलिस कप्तान पर लापरवाही का आरोप लगाया गया और इसके परिणाम स्वरूप बृहस्पतिवार को जमा हुई भीड़ एसपी लिपी सिंह के कार्यालय को निशाना बनाकर आगजनी और हंगामा किया।
मुंगेर में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के बाद हुए लाठीचार्ज और गोलीकांड को लेकर अधिवक्ता डॉ कौशलेंद्र कुमार ने पटना हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल किया जबकि उन्होंने इस मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग ने भी शिकायत की है। पीआईएल में एसपी लिपि सिंह के साथ-साथ थाने के दरोगा रंजीत मंडल के नाम का जिक्र है।
सनद रहे कि इन दिनों बिहार में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और नीतीश की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन का लालू के बेटे तेजस्वी यादव के महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है । स्थानीय लोग बताते हैं कि दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान मामूली बाद विवाद के चलते पुलिस ने बेवजह लाठिया भाजी ,जिसके चलते माहौल तनावपूर्ण हो गया और बाद में पुलिस की गोली से एक युवक की भी मौत हो गई थी। इस बवाल के बाद दो दिन तक मुंगेर शांत रहा लेकिन बृहस्पतिवार को सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और खूब हंगामा किया गया । सबसे पहले एसपी ऑफिस का घेराव किया, इसके बाद देखते ही देखते लोग पत्थरबाजी और तोड़फोड़ करने लगे।
विरोध का सिलसिला इस कदर आगे बढ़ा कि प्रदर्शनकारियों ने पूरब सराय थाने में आग लगा दी और जमकर बवाल काटा । स्थानीय लोगों का कहना है कि 26 अक्टूबर को हुई घटना के बाद से ही स्थानीय लोगों में गुस्सा था और पुलिस प्रशासन पर एक्शन की मांग की जा रही थी लेकिन उस वक्त तत्काल एक्शन नहीं लिया गया जिसके बाद यह घटना हुई ।
वैसे मुंगेर में पहले चरण चरण में ही वोट डाल दिए गए लेकिन इस घटना का असर बाकी अन्य दो चरणों में हो सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि मुंगेर कांड बिहार चुनाव में सियासी मुद्दा बन गया है और हर दल इसे भुनाने में लगे हैं लेकिन इसका कोई फायदा एनडीए गठबंधन को मिलेगा ऐसी संभावना कम दिखाई देती है।मुंगेर रेंज के डीआईजी मनु महाराज ने लोगों से शांति बनाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि दोषियों को चिन्हित किया जा रहा है. किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
इस बीच जेडीयू नेता डॉ. अजय आलोक ने मुंगेर हिंसा पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि यह घटना सोची समझी राजनीति का नतीजा है और दोबारा सरकार बनने के बाद मामले की जांच करके दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। वैसे आपको बता दूं कि सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर मुंगेर जबरदस्त ट्रेंड हो रहा है।