राजधानी में मुस्लिम अपराधियों की करतूत सर चढ़कर बोल रहा है लेकिन दिल्ली पुलिस इस पर नकेल कसने में बिल्कुल ही अक्षम साबित हो रही है । कोई दिन ऐसा नहीं बीतता जब मुस्लिम अपराधी दिल्ली में घटित किसी न किसी वारदात में शामिल नहीं होते। इनके शिकार अधिकतर हिंदू होते हैं जबकि कई बार मुस्लिम अपराधी वारदात को अंजाम देने के लिए हिंदू बदमाश का भी साथ ले लेते हैं।
इस बार मुस्लिम अपराधियों के चलते जहां एक मुस्लिम व्यक्ति को ही जान गवानी पड़ी वही इनके साथ एक हिंदू अपराधी भी पकड़ा गया। दरअसल पत्नी के दूसरे के साथ अवैध सम्बंध के शक ने एक शख्स को कातिल बना दिया। उसने अपने साथियों के संग मिलकर पहले एक बेगुनाह की हत्या की और फिर उसे सुसाइड का रंग देने के लिए एक नोट छोड़ दिया। इस नोट में उसी युवक का नाम शामिल था, जिससे वह बदला लेना चाहता था।
लेकिन पुलिस की जांच में सच्चाई सामने आ गई, जिसके बाद इस केस में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनकी पहचान अजीमुदीन उर्फ अजीम (40), नंदन कुमार उर्फ नंदू (22) व हबीब उर्फ गुड्डू (48) के तौर पर हुई। यह मामला नार्थ वेस्ट दिल्ली के महिंद्रा पार्क इलाके का बताया जाता है। यह उसी उत्तर पश्चिम जिले का हिस्सा है जहां पर मुस्लिम लड़की से प्रेम करने के चलते राहुल तथा नीरज गुप्ता की हत्या कर दी गई थी जबकि छेड़खानी का विरोध किए जाने पर सुशील कुमार नामक हिंदू युवक को मार दिया गया था
पुलिस ने बताया 17 नवंबर को एक शख्स को जख्मी हालत में कैट एम्बूलेंस ने बाबू जगजीवन राम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुलिस को इस व्यक्ति के गिरने और छत पर पड़े होने की सूचना मिली थी। इस घायल ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। मृतक की शिनाख्त गीता कॉलोनी निवासी आलम के तौर पर हुई। जांच के दौरान पुलिस को पता चला वह रिक्शा चलाता था।
शव का जब पोस्टमार्टम हुआ। तब आलम की मौत डॉक्टरों को कुछ संदिग्ध लगी । घटनास्थल से पुलिस को एक नोट भी मिला ,जिसमें कुछ लोगों के नाम और मोबाइल नंबर दिए गए थे। लेकिन हालात इस शख्स की मौत को हादसा नहीं बता रहे थे। क्योंकि मृतक की पत्नी ने पुलिस को बताया था कि आलम तो पढ़ा लिखा ही नहीं था। फिर वह सुसाइड नोट कैसे लिख सकता है
इस बीच पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई जिसमें खुलासा किया गया कि आलम की हत्या की गई थी। लिहाजा, पुलिस ने मामले में प्राथमिक जांच के बाद हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। जांच के दौरान पुलिस ने तीनों आरोपियों को धर दबोचा । इनमें मुख्य आरोपी अजीमुदीन मूलरुप से पूर्णिया बिहार और दो अन्य आरोपी गाजियाबाद यूपी निवासी हैं। तहकीकात में इस मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठ गया।
जिसकी जांच में खुलासा हुआ अजीमुदीन और सुसाइड नोट में लिखे फरमान नामक शख्स के साथ उसकी आपसी रंजिश थी। जांच में पाया गया फरमान और अजीमुदीन की पत्नी अशोक विहार स्थित एक फैक्टरी में काम करते थे। अजीमुदीन को शक था कि उसकी पत्नी के फरमान के साथ अवैध सम्बंध हैं। उसे यह भी लगता था कि फरमान की वजह से ही उसकी पत्नी ने उस पर कुछ माह पहले मुकदमा दर्ज कराया था।
जिस कारण उसे जेल जाना पड़ा था। जेल से जमानत पर छूटने के बाद अजीमुदीन ने अपनी बुआ के लड़के हबीब के साथ फरमान की हत्या की साजिश रच डाली । लेकिन हबीब ने इस प्लान को बदल डाला। उसने सलाह दी कि वे किसी शख्स की हत्या करने के बाद मौके पर एक झूठा सुसाइड नोट लिखकर छोड़ देते हैं, जिसमें फरमान का नाम लिख देेगें। ऐसा करने पर फरमान खुद कानूनी पचड़े में फंस जाएगा।
इसके बाद साजिश के तहत हबीब ने उस समय सड़क से गुजर रहे एक रिक्शा चालक को काम के बहाने बुलाया। सभी आरोपी उसे लेकर छत पर गए, जहां उसके साथ मारपीट की गई और सिर पर पत्थर मारकर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी लाश को छत से नीचे धक्का देकर मौके से फरार हो गए। सुसाइड नोट मौके पर छोड़ दिया, जिसे हबीब ने लिखा था।
इस नोट में फरमान समेत चार लोगों के नाम शामिल थे। इस वारदात के समय हबीब के साथ उसका साथी नंदन और अजीमुदीन भी थे। इस वारदात के बाद हबीब मृतक का मोबाइल ले गया था, जिसने नया सिम डाल इस्तेमाल करना शुरु कर दिया था। पुलिस ने मोबाइल को जांच के दायरे में लिया, जिसके बाद पुलिस हबीब तक पहुंच गई थी।जिसके बाद तीनों को पकड़ा गया।
पुलिस नेे बताया बदला लेने के लिए तीन लोगों ने एक अंजान रिक्शा चालक की हत्या कर दी। जिसके बाद उसकी हत्या का खुदकुशी की शक्ल देने के लिए सुसाइड नोट लिख डाला गया । आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि फरमान नामक युवक को फंसाने के लिए उसका नाम सुसाइड नोट में लिख दिया साथ ही उसके कुछ परिजनों के भी नाम लिख दिए गए थे।
जिससे पुलिस उसको गिरफ्तार कर सके और मामले को सुसाइड ही माने। इस बीच पुलिस ने गरीब रिक्शा चालक आलम के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। जिस युवक फरमान को फसाने की चाल चली गई वह अशोक विहार स्थित पॉलिश बनाने की फैक्टरी में नौकरी करता था।फिलहाल पुलिस यह पता करने में जुटी है कि और कोई भी अपराधी तो इस वारदात में शामिल नहीं था