भारतीय जनता पार्टी में मुसलमान नेता ना के बराबर है ,यदि कोई मुसलमान भाजपा से जुड़ भी जाए तो उसे मुस्लिम समाज अच्छा नहीं मानता । वैसे भाजपा में जो भी मुसलमान नेता रहे हैं चाहे वह सिकंदर बख्त हो या मुख्तार अब्बास नकवी या फिर शाहनवाज हुसैन इनकी पार्टी में हमेशा पूछ रही है लेकिन दूसरे अन्य मुस्लिम नेताओं पर निरंतर हमले भी हो रहे हैं चाहे मामला व्यक्तिगत रंजिश का हो या फिर उनके भाजपा से लगाव होने के चलते।
यही वजह है कि कश्मीर में तो चुन चुन कर मुस्लिम भाजपा नेताओं को मारा जा रहा है जबकि अब दिल्ली में भी एक भाजपा नेता और उनके पुत्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई। दरअसल नंद नगरी इलाके में सोमवार सुबह बदमाशों ने भाजपा कार्यकर्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट और उनके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी।
मृतकों की शिनाख्त जुल्फिकार कुरैशी (50) और उनके बेटे जांबाज कुरैशी (22) के रूप में हुई है। पुलिस ने जांच में पाया है कि वारदात के समय पिता-पुत्र पास की मस्जिद में सुबह (फज्र) की नमाज पढ़ने आए थे। इस दौरान घात लगाकर मौके पर पहले से मौजूद तीन बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। बताया जाता है कि जुल्फिकार को बेहद नजदीकी से चार से पांच गोलियां मारी गई। जबकि पिता को बचाने आए पुत्र पर बदमाशों ने पहले चाकू से हमला किया बाद में उसकी पीठ में गोली मार दी।
जख्मी हालत में जांबाज कुरेशी को पहले स्वामी दयानंद अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। कुछ ही देर बाद उसकी भी उपचार के दौरान मौत हो गई। जुल्फिकार कुरैशी भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे में मंत्री रहे थे। इसके अलावा वह संघ के इंद्रेश कुमार के हिमालय परिवार से भी जुड़े थे। जिला पुलिस उपायुक्त वेद प्रकाश सूर्या का कहना है कि पिता-पुत्र दोनों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज थे। जुल्फिकार नंद नगरी थाने का बीसी (घोषित बदमाश) भी रहा है। आरोपियों की पहचान कर ली गई है।
जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस सूत्रों का कहना है कि भाजपा नेता जुल्फिकार परिवार के साथ ओ-ब्लॉक, सुंदर नगरी में रहते थे। इनके परिवार में पत्नी रेशमा के अलावा तीन बेटे जांबाज, कैफ और जैद के अलावा तीन भाई सरफराज कुरैशी, शहजाद कुरैशी और शमशाद कुरैशी उर्फ मुन्ना हैं। पुलिस की माने तो जुल्फिकार भाजपा से जुड़े होने के अलावा संघ परिवार से भी जुड़े थे।
इसके साथ ही वह एक एनजीओ भी चलाते थे। इलाके के लोगों का कहना है कि नंद नगरी इलाके में होने वाली अवैध गतिविधियों के खिलाफ वह आरटीआई लगाकर आवाज उठाते रहते थे। इसकी वजह से उन पर पांच-छह बार जानलेवा हमला भी हुआ था। पुलिस को पता चला है कि जुल्फिकार पर हुए हमलों को देखते हुए करीब साढ़े चार साल पहले दिल्ली पुलिस की ओर से उनको एक निजी सुरक्षाकर्मी दे दिया गया था।
शुरुआत में उनके साथ 24 घंटे सुरक्षा कर्मी रहता था, लेकिन करीब एक साल से रात वाले सुरक्षाकर्मी को हटा लिया गया था। फिलहाल अब उनके साथ दिन में सुबह नौ बजे से रात 10 बजे तक एक पीएसओ रहता था। आरटीआई लगाने की वजह से उनको लगातार धमकियां मिलती रहती थीं।। इसको लेकर वह पुलिस से शिकायत करते रहते थे। जिसके चलतेे जुल्फिकार को कई लोगों से दुश्मनी थी।
परिजनों ने पुलिस को बताया कि सोमवार करीब 6.15 बजे सुबह जुल्फिकार के तीनों बेटे नमाज पढ़ने के लिए पास की नूरानी मस्जिद चले गए। इसके बाद जुल्फिकार भी पीछे से मस्जिद जा रहे थे। इस बीच पहले से मौजूद तीन बदमाशों ने मस्जिद के दरवाजे पर उनको घेर लिया। हथियारबंद बदमाशों ने बेहद नजदीक से जुल्फिकार पर गोलियां बरसां दी।
अचानक गोली चलने की आवाज सुनकर जांबाज कुरेशी मस्जिद से बाहर निकला तो बदमाशों ने उस पर भी चाकू से हमला किया। खुद को घिरते देख जांबाज कुरेशी वहां से भागा तो पीछे से उसे गोली मार दी। स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि वारदात के बाद काफी देर आरोपी वहीं खड़े रहे। बाद में वह वहां से फरार हो गए। सूचना मिलते ही जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
जांबाज को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। मरने से पहले जांबाज ने तीन युवकों नाम पुलिस को बताए हैं। उसके आधार पर पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। पुलिस के अनुसार मामला व्यक्तिगत रंजिश का हो सकता है लेकिन आरोपियों के पकड़े जाने के बाद ही मामला स्पष्ट हो पाएगा। इस घटना के बाद मृतक केे परिजन मातम मना रहे हैं वहींं इलाके में दहशत कायम हो गया है।