राजधानी के आदर्श नगर में रहने वाले हिंदू युवक राहुल राजपूत की हत्या के मामले में उसकी मुस्लिम ‘प्रेमिका’ गवाही देगी। उसने ऑनर किलिंग की आशंका प्रकट करते हुए पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है। युवती का यह भी कहना है कि वह अपने रिश्तेदारों के खिलाफ जरूर गवाही देगी । राहुल राजपूत की मुस्लिम प्रेमिका को अपने माता पिता और भाइयों से खतरा है, इस वजह से वह अपने घर नहीं जाना चाहती । उसे डर है कि घरवाले उसे भी मार देंगे। पुलिस ने इसके बाद शनिवार से ही उसे एक अज्ञात शेल्टर होम में शिफ्ट कर दिया और फौरी तौर पर सुरक्षा भी दे रही है।
युवती का कहना है कि बुधवार को जब राहुल को पीटा जा रहा था तो वह बेबस होकर सबकुछ देख रही थी। हालांकि उसने युवक को बचाने का प्रयास किया या नहीं यह जांच का विषय है जबकि वह इस हत्याकांड की चश्मदीद गवाह है। लड़की ने यह भी कबूला है कि उसी के कहने पर राहुल अपने घर से बाहर उसके भाइयों से मिलने आया था। घटनास्थल के समीप लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में भी दिख रहा है की मुस्लिम लड़की राहुल के घर के बाहर खड़ी दिख रही है। इसके बाद राहुल बाहर आता है और उसके पीछे चल देता है।
एक और फुटेज में राहुल और वो दिख रहे हैं जिसमें आरोपी उन्हें दूसरी गली में ले जा रहे हैं। मृतक राहुल के परिवार को डर था, राहुल के साथ कुछ अनहोनी हो सकती है।
पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसके मुताबिक राहुल और इस लड़की में प्रेम संबंध थे। लड़की के परिवार को इससे दिक्कत थी क्योंकि दोनों का धर्म और मज़हब अलग था। एफआईआर के मुताबिक, राहुल के परिवार को दो महीने पहले ही इस रिश्ते के बारे में पता चला था।
राहुल के चाचा धर्मपाल के हवाले से एफआईआर में लिखा गया है, वह बीए सेकेंड ईयर में पढ़ रहा था। करीब दो महीने पहले, हमें पता चला कि वह जहांगीरपुरी में रहने वाली किसी मुस्लिम लड़की से प्यार करता है। लड़की का परिवार राहुल से नाराज था और दोनों को मिलने नहीं देना चाहता था। हमें उसकी सुरक्षा की चिंता थी।
धर्मपाल ही वो शख्स थे जिन्हें राहुल के एक दोस्त ने उसकी पिटाई की जानकारी दी थी। मृतक राहुल के पिता संजय टैक्सी चलाकर गुजारा करते हैं। मूलचंद कॉलोनी के अपने घर में उनकी हालत बेहद खराब थी। उन्होंने बताया कि वह घर पर नहीं थे जब यह सबकुछ हुआ। संजय ने कहा, जब हम उसे क्लिनिक से घर लेकर आए तो उसने नहीं बताया कि उसकी पिटाई हुई है या असल में क्या हुआ है। हमें लगा कि कोई छोटी-मोटी लड़ाई हुई होगी या किसी ने थप्पड़ मार दिया होगा। रात में उसकी हालत बिगड़ गई। अस्पताल लेकर गए जहां उसने दम तोड़ दिया। मैं चाहता हूं कि घटना में जो भी शामिल थे, सब के सब सलाखों के पीछे हों। मैं बस यही प्रार्थना करता हूं कि किसी और बच्चे के साथ ऐसा न हो।
राहुल के परिवार को एक बात का अफसोस है। उन्होंने कहा कि जब राहुल को पीटा जा रहा था तो वहां पर भीड़ जमा हो गई थी। लेकिन उसकी मदद करने के बजाय लोग बस वीडियो बनाते रहे।
दिल्ली में यह कोई पहला मौका नहींं है जब किसी हिंदू को मुस्लिमों ने पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया हो और लोग तमाशबीन होकर देखते रहे हों। इससे पहले भी पश्चिमी दिल्ली के ख्याला के अंकित सक्सेना, मोती नगर के ध्रुव त्यागी तथा विकासपुरी में डॉ नारंग की हत्या मुस्लिम भीड़ ने पीटकर की है, और लोग तमाशबीन बने बस तमाशा देखते रहे हैं। इसमें अंकित सक्सेना भी मुस्लिम लड़की से प्रेम करने के कारण मारा गया। लड़की के परिवारवालों ने सरेआम उसका गला काट दिया था। बाद में सेक्यूलरिज्म का तमाशा करने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी और भारत का कथित सेक्यूलर समुदाय वहां पहुंचा भी था, अंकित के घर इफ्तार का आयोजन किया था, और जब कैमरे हट गये तो फिर उसके बूढ़े माता-पिता को असहाय छोड़ दिया गया।
राहुल हत्या मामले में भी उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस इस घटना को सिर्फ दो परिवारों का झगड़ा बता अपना पल्ला झाड़ रही है, लेकिन पुलिस पर राहुल के प्रेमिका ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि जब राहुल को उसके भाई पीट रहे थे तब उसने पुलिस चौकी में जाकर राहुल की जान बचाने की गुहार लगाई थी, लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने कोई मदद नहीं की। उत्तर पश्चिम जिले की पुलिस कप्तान विजयंता आर्या जो खुद महिला है, उन्होंने अब तक इस आरोपों का जवाब नहीं दिया है।
वैसे भी इस समय तो मुस्लिम लड़की भी राहुल परिवार के साथ खड़े होने का दावा कर रही है, लेकिन बाद में वह किसके साथ खड़ी होगी यह समय बताएगा।
उधर, इस मामले को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। मुस्लिम लड़की से प्यार करने वाले हिंदू लड़के राहुल राजपूत की पीट-पीट कर हत्या करने के मामले में आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। राहुल राजपूत हत्याकांड मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई ना होने पर आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी की जमकर आलोचना की है। जबकि भाजपा का कहना है कि मृतक राहुल के परिजनों को दिल्ली सरकार को चाहिए कि एक करोड़ की सहायता राशि प्रदान करे।
बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा ने केजरीवाल सरकार से लड़के के घरवालों को एक करोड़ का मुआवजा देने की मांग करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है। वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मृतक राहुल के परिवार को 10 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया।
वहीं अखलाक, जुनैद, पहलू खान की मॉब लिंचिंग पर हल्ला मचाने वाले नेता, अभिनेता और मीडिया राहुल की निर्मम हत्या पर खामोश हैं। पिछले दिनों महाराष्ट्र के पालघर में हिन्दू विरोधी तत्वों ने दो साधुओं को पीट-पीट कर मार डाला था, राजस्थान में एक मंदिर के पुजारी को जला डाला गया और अब देश की राजधानी में दिल को दहला देने वाला वारदात सामने आया, लेकिन कथित सेकुलर के मुंह पर अब तक ताले लगे हुए हैं। मुस्लिम मौत पर हल्ला, और हिंदू मौत पर खामोशी; यही भारत के सेक्यूलर बिरादरी की असली पहचान बन गयी है।