अर्चना कुमारी। मुस्लिम महिलाओं (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) एक्ट 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट नवंबर में सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त 2017 को अपने फैसले में ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले बाद लाया गया नया कानून के मुताबिक ट्रिपल तलाक को अपराध माना गया है। जिसमे तीन साल की सजा का प्रावधान भी है।
इस कानून को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल हुई हैं।
याचिकाकर्ताओं ने इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए कहा है कि गैर-इस्लामिक है और संविधान के अनुच्छेद 13, 14, 15, 21 और 25 का उल्लंघन है।