हिमांशु शुक्ला। नरेंद्र मोदी मोदी जी का NEP 2020 द्वारा लाई गई शिक्षा नीति एक ऐसे समाज का निर्माण लिबरल आर्ट्स के जरिए कर रही है , जहां एक बेटा यह ना बता पाए कि उसका बाप आखिरकार है कौन ..दूसरा मोदी जी के NEP 2020 स्पष्ट रूप से हार्वर्ड के जेंडर स्टडीज को ला रहा है , उसे आईआईटी , क्रिया यूनिवर्सिटीज और अशोका यूनिवर्सिटीज जैसे इलिट कोलेजेस में लाया भी जा चुका है । जैसे अशोका यूनिवर्सिटीज में मेल और फीमेल के टॉयलेट एक है , वैसे आरएसएस भारत के हर इलिट स्कूलों से लेकर प्राथमिक विद्यालय तक लाने का खाका तैयार कर चुके है ।
आरएसएस के इस शिक्षा नीति का जो सबसे प्रमुख बात है वो यह है कि अब बच्चो को बचपन से ही जेंडर न्यूट्रेलिटी की शिक्षा दी जाएगी मतलब अब उन्हें जेंडर को लेकर कन्फ्यूज किया जायेगा । जिससे एक दिन वो अपने मां बाप भी दबाव डाले कि उनकी आत्मा और शरीर अलग अलग है , वो जेंडर चेंज करवाना चाहते है , परिणाम स्वरूप स्वरोजगार भी पैदा होगा , आइडेंटिटी पॉलिटिक्स को भी फरोख्त मिलेगा ।
मोहन भागवत जी सत्य ही कहते थे कि हर सरकार ट्रांसजेंडर की आवश्यकताओं की पूर्ति करे।
साभार: फेसबुक