प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कांग्रेस पार्टी की पोल खोलते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए हमेशा देश से बड़ा दल रहा है। भाजपा संसदीय दल को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इंदिरा गांधी के समय में निरंजन नाथ वांचू कमेटी ने विमुद्रीकरण का सुझाव देते हुए इसे लागू करने की सिफारिश की थी। तत्कालीन वित्त मंत्री वाई.बी.चव्हाण ने इंदिरा से जब इस बारे में पूछा तो इंदिरा ने कहा, चौहान साहब आगे कांग्रेस को चुनाव लड़ना है कि नहीं?
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, बताइए साहब उनके लिए कांग्रेस हमेशा से देश से बड़ा दल रहा है और हमारे लिए दल से बड़ा देश। इंदिरा गांधी चुनाव में हार की डर से इसे लागू नहीं कर पाई थी। इसलिए इंदिरा ने इसके प्रस्ताव को खारिज कर दिया और इसे लागू नहीं किया जा सका। पीएम मोदी ने कहा कि यदि पिछली सरकारों ने इसे किया होता तो देश की आज यह दशा नहीं होती। कांग्रेस के लिए देश से बड़ा दल है, इसलिए उसके नेता आज विमुद्रीकरण पर राजनीति कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने एक दूसरा उदाहरण भी दिया। पीएम मोदी ने बिना किसी दल का नाम लिए कहा- 1988 में बेनामी संपत्ति के लिए आप कानून पास करते हो और इतने साल बीतने के बाद भी उसे नोटिफाई नहीं करते. संसद में पारित करके, प्रेस कॉन्फ्रेंस करके, पब्लिसिटी कमाकर राजनीति करते रहते हैं, लेकिन आप इसे लागू नहीं करते. अब इस सरकार ने आकर समयानुकूल परिवर्तन किया और परिवर्तन करके उसे नोटिफाई कर दिया. अब मान लीजिए, मैं आगे कोई कदम उठाऊंगा तो आखिर हमने बेनामी संपत्ति का कानून पारित क्यों किया है? अब फिर ये चिल्लाएंगे कि मोदी ने जल्दबाज़ी क्यों कर दी. आपने 1988 से अब तक उसे लागू नहीं किया, देश में बेनामी संपत्ति इकट्ठी करने वालों को खुली छूट दे दी. और यह सरकार कानून पारित कर चुकी है, नोटिफाई कर चुकी है. लागू करने के लिए कदम उठाएगी, और फिर आप चिल्लाना शुरू करोगे क्या? क्या देश ऐसे चलाओगे…? सारी मुसीबत की जड़ यह है कि इनके लिए देश से बड़ा दल है, हमारे लिए दल से बड़ा देश है!
पीएम मोदी ने चाणक्य नीति के 15 वें अध्याय के छठे दोहे का जिक्र किया. अन्याय से कमाया धन 10 साल ही टिकता है. 11 वां वर्ष लगते ही वह मूलधन के साथ नष्ट होजाता है. उस समय ही चाणक्य ने कह दिया था.