आज धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज के मार्गदर्शन व श्रीमहंत राजेन्द्र पूरी जी की अध्यक्षता में चल रहा 5 दिवसीय माँ बगलामुखी व महादेव का महायज्ञ और 2 दिवसीय श्रीमद्भगवद्गीता ज्ञानयज्ञ आज सनातन वैदिक राष्ट्र के संकल्प के साथ पूर्ण हो गया।आज के कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद कुरुक्षेत्र की टीम ने कार्यक्रम स्थल पर आकर आयोजको और साधु संतों का सम्मान किया।
आज के अपने सम्बोधन में यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि हिन्दुओ को समझना चाहिये कि राष्ट्र एक शरीर है और धर्म उसकी आत्मा है।जैसे धर्मविहीन राष्ट्र मृत होता है वैसे ही राष्ट्रविहीन धर्म का भी कोई अस्तित्व नहीं होता।ये बात हर हिन्दू समझ ले कि सनातन वैदिक राष्ट्र के निर्माण के बिना अब सनातन धर्म का कोई भविष्य नहीं है।अगर हिन्दुओ की यह अंतिम शरणस्थली भी उनसे छीन गयी तो हिन्दुओ का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
अतः अब हिन्दुओ को यहूदियों से शिक्षा लेकर इजरायल की तरह अपना एक सनातन वैदिक राष्ट्र बनाना चाहिये जहाँ एक भी जिहादी ना हो और एक भी जिहाद का अड्डा ना हो। उन्होंने माँ बगलामुखी और महादेव से हिन्दुओ को इस महान लक्ष्य के लिये सद्बुद्धि और सामर्थ्य देने की प्रार्थना की।
आज के श्रीमद्भगवद्गीता ज्ञानयज्ञ में भक्तगणों को सम्बोधित करते हुए कार्ष्णि स्वामी अमृतानंद जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता हमे बताती है कि धर्म और अधर्म की लड़ाई शाश्वत है परन्तु धर्म कभी भी अधर्म से पराजित नही हो सकता।दुष्ट राक्षस जब मानवता पर अत्याचार करते हैं तो वो परमपिता परमात्मा की सर्वव्यापी और सार्वभौमिक सत्ता को भूल जाते हैं और अपने स्वार्थ,क्रूरता और अहंकार के वशीभूत होकर महाविनाश को आमंत्रित करते हैं।इसीलिए सनातन के मानने वालों को अपने सब संशय त्याग कर धर्म की रक्षा के लिये सब कुछ बलिदान करने के लिये तैयार रहना ही चाहिए।
आज के कार्यक्रम का संचालन यति सत्यदेवानंद जी महाराज ने किया।कार्यक्रम में निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी अन्नपूर्णा भारती, बालयोगी ज्ञाननाथ जी महाराज सहित अनेक संत विद्वानों ने श्रीमद्भगवद्गीता पर अपने विचार रखे।