सुरेश चिपलूनकर। ये है हाटकेश्वर पुल, अहमदाबाद यह फ्लाईओवर 2017 में 40 करोड़ रूपए में बना था जिसका गाजे बाजे के साथ उद्घाटन किया गया था… भाजपैये IT सेलियों ने इस पुल के फोटो डाल डाल कर व्हाट्सएप और फेसबुक का ट्राफिक जाम कर दिया था… इसको भैंकर भिकांस बता बता कर…. इस पुल की लाईफ 50 साल बताई गयी थी…
लेकिन हा दुर्भाग्य!!! मात्र चार वर्ष में यानी 2021 में इसे बंद करना पड़ा, क्योंकि इसके घटिया कंक्रीट की वजह से यह “भिकांसवादी” पुल अब ड्राइव करने के लिए भी सुरक्षित नहीं रहा… अब निर्णय किया गया है कि इस असुरक्षित पूरे पुल को तोड़ दिया जाएगा क्योंकि इसकी मरम्मत तक नहीं की जा सकती…
इसके स्थान पर नया पुल बनाने के लिए अंदाजन 130 करोड़ रुपया खर्च आएगा और उसका फिर से उद्घाटन भी होगा… भव्य इवेंट होगा… चैनलों वाले… आईटी सेल की पगलाई हुई भीड़ उसे भिकांस बताएगी….

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बहरहाल… 2017 में जो 40 करोड़ रूपए खर्च हुए थे… वो किसके पूज्य पिताजी के थे?? और अब दुबारा 130 करोड़ जो खर्च होंगे, वो किसके पूज्य पिताजी की जेब से जाएंगे?? अब तो आप समझ ही गए होंगे कि मात्र सात महीने के भीतर उज्जैन के महाकाल कॉरीडोर की गिरी हुई/ टूटी हुई/ दरार आई हुई/ पेंट उखड़ी हुई.. मूर्तियों की क्या कहानी है… और उस करप्शन को ढँकने के लिए सोशल मीडिया पर कैसे कैसे डिफेंडर और रफूगर मैदान में आ गए हैं…
बाकी तो हर हर… घर घर.. फर फर… थर थर हैये है…