सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में आज अपना अहम फैसला सुना दिया है। फैसला तथ्यात्मक होता है नरेशन आधारित नहीं। लेकिन लगता है कि एनडीटीवी और आजतक जैसे खबरिया चैनल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पक्ष में झूठ बोलने की सुपारी ले रखी है। तभी तो जब से इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है अरविंद केजरीवाल के पक्ष में अपना नरेशन बनाए जा रहा है।
एनडीटीवी का नरेशन-
सुप्रीम कोर्ट का फैसला- उप-राज्यपाल की नहीं, ‘आप’ की दिल्ली, सरकार ही असली ‘बॉस’
आजतक का नरेशन
सुप्रीम कोर्ट का आदेश मोदी सरकार के लिए झटका, केजरीवाल सरकार की बड़ी जीत
मंत्री-परिषद के पास फैसले लेने का अधिकार है, हर मामले में उपराज्यपाल की सहमति जरूरी नहीं
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का वास्तविक व्याख्या
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि दिल्ली में अराजकता की कोई जगह नहीं है। सरकार और एलजी को साथ में काम करना चाहिए! दिल्ली की स्थिति बाकी केंद्र शासित राज्यों और पूर्ण राज्यों से बिल्कुल अलग है। सुप्रीम कोर्ट यह भी कह दिया है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना मुमकिन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को कैबिनेट की सलाह पर फैसला लेने के साथ ही विवादित मसले को राष्ट्रपति के पास भेजना चाहिए दिल्ली में जमीन, पुलिस और विधि व्यवस्था केंद्र सरकार के पास है इससे दिल्ली सरकार का कुछ लेना-देना नहीं है।
कैसे कैसे इन मीडिया चैनल ने फेक नरेशन खड़ा किया देखिये विडियो में-
दिल्ली सरकार बनाम एलजी के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर अरविंद केजरीवाल के पक्ष में आज तक और एनडीटीवी जितनी भी बैटिंग करे संवैधानिक तथ्य को न वो बदल सकते हैं न ही फैसले के तथ्य को। जबकि संवैधानिक तथ्य यह है कि उप-राज्यपाल ही दिल्ली के संवैधानिक सर्वेसर्वा हैं। जहां तक अधिकार लागू करने का सवाल है तो वे मंत्रिपरिषद की सलाह पर करते रहे हैं और करेंगे। जहां तक विवाद की बात है तो इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि ऐसे में मामले को राष्ट्रपति के पास भेजना चाहिए। देश के संघीय लोकतंत्र में यही तो होता रहा है। वैसे भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सरकार अधिनियम 1991 के तहत दिल्ली के प्रशासक राज्यपाल ही हैं।
Supreme Court : आर्डर, आर्डर, आर्डर
पूर्ण राज्य की नौटंकी बंद करो केजरीवाल pic.twitter.com/h7s2Y8lPIW
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) July 4, 2018
सुप्रीम कोर्ट ने इस संदर्भ में जो भी फैसला दिया है वह पहले से ही अधिनियम में लागू है। अब सवाल उठता है कि सुप्रीम कोर्ट ने कोई नई व्याख्या तो अभी तक दी ही नहीं है। अलबत्ता सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली को अराजक नहीं बनाया जा सकता है। इसे आप नई बात कह सकते हैं जो केजरीवाल के खिलाफ जाता है।
Keywords: NDTV and AAJTAK create fake narration in favour of arvind kejriwal
Keywords: arvind kejriwal, aaj tak, arvind kejriwal, ndtv fake narration, fake narration favour of kejriwal, supreme court, LG delhi, अरविंद केजरीवाल, आज तक, एनडीटीवी, अरविंद केजरीवाल, सर्वोच्च न्यायालय, एलजी दिल्ली,