अर्चना कुमारी बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि नीट-यूजी 2024 के कथित पेपर लीक के मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी के राजद नेता तेजस्वी यादव से जुड़े अधिकारियों के साथ संबंध हैं और इसकी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए।
पटना में सिन्हा ने दावा किया कि राजद नेता तेजस्वी यादव से जुड़ा एक अधिकारी नीट-यूजी 2024 के कथित पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी सकिंदर प्रसाद यादवेंदु के साथ लगातार संपर्क में था।
उन्होंने कहा कि राजद नेता से जुड़े अधिकारी और मुख्य आरोपी के बीच संबंधों की गहन जांच की जानी चाहिए। यादवेंदु समस्तीपुर जिले का रहने वाला है।
सिन्हा ने कहा, ‘‘तेजस्वी यादव से जुड़ा एक अधिकारी सकिंदर के लिए पटना और अन्य स्थानों के गेस्ट हाउसों में ठहरने की व्यवस्था करता था।
मेरे पास उन संदेशों का विवरण है जो अधिकारी ने सकिंदर के ठहरने की व्यवस्था करने के लिए संबंधित व्यक्तियों को भेजे थे।’’ उन्होंने कहा कि उनके पास वह मोबाइल नंबर है जिससे यादवेंदु के ठहरने के लिए संदेश भेजे गए थे।
‘‘इसकी गहन जांच होनी चाहिए। राजद नेता (तेजस्वी प्रसाद) इस पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं।’’ उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ’पूरे घटनाक्रम से पता चलता है कि राजद नेता किस तरह भ्रष्ट आचरण में लिप्त हैं।
ऐसी खबरें हैं कि आरोपी रांची में न्यायिक हिरासत के दौरान लालू प्रसाद से जुड़ा था।’ बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने पिछले महीने नीट-यूजी 2024 के कथित पेपर लीक की जांच के सिलसिले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपियों में परीक्षार्थी, उनके माता-पिता और गिरोह का मास्टरमाइंड सकिंदर प्रसाद यादवेंदु शामिल थे।
‘जांच के दौरान ईओयू के अधिकारियों ने छह पोस्ट-डेटेड चेक बरामद किए जो अपराधियों के पक्ष में जारी किए गए थे, जिन्होंने कथित तौर पर परीक्षा से पहले उम्मीदवारों को प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए थे।’’ उन्होंने कहा कि जांचकर्ता संबंधित बैंकों से खाताधारकों के बारे में विवरण का पता लगा रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि ईओयू ने सात और उम्मीदवारों को जांच में शामिल होने के लिए कहा है। नीट-यूजी 2024 का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा 24 लाख से अधिक उम्मीदवारों के लिए 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर किया गया था।
नीट-यूजी 2024 का परिणाम 4 जून को घोषित किया गया था। परिणाम घोषित होते ही छात्रों ने अनियमितता के आरोप लगाए, जब इस साल 67 छात्रों ने नीट-यूजी परीक्षा में टॉप किया। साथ ही बिहार में प्रश्न पत्र लीक के दावे भी किए गए। मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) को लेकर उपजे विवाद के बीच उम्मीदवारों के एक समूह ने नए सिरे से परीक्षा कराने की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया है।
सूत्रों ने कहा, ‘‘ऐसा संदेह है कि बिहार के चार लोगों सहित नौ अभ्यर्थियों, जिन्हें पहले ही ईओयू द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है, ने कथित तौर पर पर मई में परीक्षा आयोजित होने से एक दिन पहले पटना के पास एक ‘सुरक्षित घर’ में परीक्षा के प्रश्न पत्र और उत्तर प्राप्त किए थे।
’’ पूछताछ के दौरान उम्मीदवारों ने खुलासा किया कि उनके माता-पिता ने प्रश्नपत्रों के लिए 30-30 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया था। डीआइजी ने कहा था कि लेन-देन के सबूत भी मिले हैं और जांच के दौरान छह पोस्ट-डेटेड चेक भी बरामद किए गए हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘ईओयू के अधिकारियों ने एक घर से आंशिक रूप से जले हुए प्रश्नपत्र भी बरामद किए हैं।’’ डीआइजी ने कहा था, ‘‘हमने एनटीए से संदर्भ प्रश्न पत्र मांगे हैं। इसने अब तक इसका जवाब नहीं दिया है।
एक बार जब हमें एनटीए से संदर्भ प्रश्न पत्र मिल जाएंगे तो हम जले हुए प्रश्न पत्र को उसकी जांच के लिए उचित फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेज देंगे।’
’ ईओयू के सूत्रों ने यह भी बताया कि जांच से पता चला है कि नीट-यूजी प्रश्न पत्र और उनके उत्तर परीक्षा से पहले लगभग 35 उम्मीदवारों को प्रदान किए गए थे। बिहार के विभिन्न स्थानों से ताल्लुक रखने वाले उम्मीदवारों को पटना के रामकृष्ण नगर में एक किराए के आवास पर लाया गया था, जहां उन्हें प्रश्न पत्र और उत्तर प्रदान किए गए।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने किराए के उक्त परिसर में तलाशी ली थी और मोबाइल फोन, प्रवेश पत्र और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए थे।