आईएसडी रिपोर्टर। शनिवार को सीबीआई ने अपनी जाँच और आगे बढ़ाते हुए सुशांत के कमरे में क्राइम सीन रिक्रिएट किया। सीबीआई की टीम अपने साथ एक डमी बॉडी और उन तीन चश्मदीद गवाहों को लेकर सुशांत के फ़्लैट पर गई थी। सीबीआई ने यहाँ सीन रिक्रिएट करने के अलावा वीडियोग्राफी की और आसपास के रहने वालों के सीसीटीवी फुटेज की जाँच की।
सीबीआई ने सुशांत के पड़ोसियों से भी गहन पूछताछ की है। सीबीआई की जाँच शुरू होने के बाद जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उनसे ये संदेह और पुख्ता होता जा रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत की हत्या की गई थी। सुशांत के दोस्त संदीप सिंह पर सीबीआई को गहरा संदेह है। कुल मिलाकर सुशांत के हत्यारों के इर्दगिर्द सीबीआई ने घेरा बुनना शुरू कर दिया है।
जाँच के दूसरे दिन सीबीआई टीम एक्शन में दिखाई दी। दोपहर होते ही टीम सिद्धार्थ पिठानी, दीपेश सावंत और कुक नीरज को साथ लेकर सुशांत के फ़्लैट पर पहुँच गई थी। सीबीआई ने क्राइम सीन रिक्रिएट करने के लिए सुशांत के वजन और कद की एक डमी बॉडी बनवाई थी।
ये कार्रवाई सात से आठ घंटे तक चलती रही। सीन रिक्रिएट करने से पूर्व सीबीआई ने सुशांत के घर के खिड़की-दरवाजों पर परदे लगवा दिए थे, ताकि मीडिया और मुंबई पुलिस ताकझांक न कर सके।
ये आश्चर्य की बात है कि सुप्रीम कोर्ट के दखल न देने के आदेश की अवहेलना कर मुंबई पुलिस बार-बार क्राइम सीन पर जा रही है। मुंबई पुलिस का ऐसा करना संदेह पैदा कर रहा है। क्या मुंबई पुलिस किसी तरह कोई महत्वपूर्ण साक्ष्य नष्ट करना चाहती है?
टीम ने सुशांत के पड़ोसियों और बिल्डिंग के गार्ड से भी पूछताछ की। सुशांत के पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने महत्वपूर्ण खुलासा करते हुए बताया कि 13 जून की रात को ही सुशांत के घर की लाइट बंद हो गई थी।
महिला ने बताया कि लाइट उस रात 10 बजे के बाद बंद हो गई थी। महिला को शक इसलिए हुआ क्योंकि सुशांत सुबह 4 बजे तक जागने के आदी थे। महिला के खुलासे से अब ये सवाल खड़ा हो गया है कि क्या सुशांत की मौत पहले ही हो चुकी थी।
इसलिए ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का समय नहीं बताया गया था। सीबीआई ने बिल्डिंग का रजिस्टर चेक किया और गार्ड को कमरे के अंदर भी लेकर गई। ये गार्ड ही बता सकता है कि उस रात सुशांत के घर कौन-कौन आया था।
सीबीआई टीम ने शनिवार को कूपर अस्पताल में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से पूछताछ की। एक डॉक्टर ने बताया कि मुंबई पुलिस ने पोस्टमार्टम जल्दी करने का दबाव बनाया था। गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत की पोस्टमार्टम जांच के लिए सीबीआई ने एम्स के डॉक्टरों की टीम नियुक्त की है।
इस टीम का नेतृत्व वहीं डॉक्टर सुधीर गुप्ता कर रहे हैं, जिन्होंने सुनंदा पुष्कर और शीना बोहरा केस में अपनी सेवाएं दी थी। सुशांत की अटॉप्सी रिपोर्ट में इस टीम ने भयंकर खामियां पाई हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का सच अब सामने आने की उम्मीद बन रही है। सुशांत की मौत के दिन ही उनका पोस्टमार्टम केवल नब्बे मिनट में कर दिया गया था।
सुशांत की एक दोस्त रोशन ने मीडिया के सामने आकर बताया है कि सुशांत के सोशल मीडिया अकाउंट से कुछ ऐसी बातें पोस्ट होने लगी थी, जिससे शक होता था कि ऐसी बातें सुशांत नहीं लिखते।
रोशन के मुताबिक सुशांत की मौत के बाद उनकी ऐसी कई पोस्ट डिलीट कर दी गई, जिनमे सुशांत के सपनों और उनकी भविष्य की योजनाओं का उल्लेख किया गया था। रोशन की बात पर विश्वास करे तो फिर इस बात की आशंका बनती है कि सुशांत का अकाउंट कोई और ऑपरेट कर रहा था।
शनिवार को सुशांत के पड़ोसियों ने भी आशंका जाहिर करते हुए कहा है कि सुशांत के घर 13 से 14 जून की रात के बीच कुछ भी सामान्य नहीं लग रहा था। पड़ोसियों ने ये भी बताया कि उस रात सुशांत के घर कोई पार्टी नहीं हुई थी।
रात 7:30 बजे तक भी सुशांत के फ़्लैट से सीबीआई टीम बाहर नहीं आई थी। बिल्डिंग का गार्ड भी सीबीआई के साथ ही था। कुछ देर बाद क्राइम सीन से तीन अफसर बाहर निकले लेकिन बाकी अफसर भीतर ही रुके रहे।
सीबीआई ने जितने भी लोगों से बात की, उन सबने बताया कि उस रात सुशांत के फ़्लैट पर सब कुछ सामान्य नहीं था। कुल मिलाकर रविवार का दिन सुशांत की मौत में संदिग्ध लोगों के लिए बुरा साबित हो सकता है क्योंकि सीबीआई का शिकंजा उन लोगों पर कसने लगा है।