अर्चना कुमारी। कोरोना महामारी को लेकर सोशल मीडिया के जरिए लगातार ठगी की जा रही है और साइबर अपराधियों का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है। इसके रोकथाम के लिए दिल्ली पुलिस ने कई अहम कदम उठाए।
इसमें दिल्ली पुलिस ने कई राज्यों की पुलिस, गृह मंत्रालय, बैंक और पेमेंट गेट-वे कंपनी से सहायता ली। इनकी मदद से ठगे गए कई लाख रुपये बचाने में सफलता मिली।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि साइबर अपराधियों का नेटवर्क कम से कम सात राज्यों में फैले हुए हैं और उन सभी राज्यों में छापेमारी चल रही है। पुलिस के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर में जब लोग ऑक्सीजन, दवा और अस्पताल के बेड के लिए भटक रहे थे तो जालसाजों ने उन्हें शिकार बनाना शुरू किया।
उन्होंने अपने सैकड़ों नंबर सोशल मीडिया के जरिए वायरल किए और जब उनसे कोई संपर्क करता तो वह एडवांस के नाम पर उनसे रुपये ट्रांसफर करवा लेते। ऑक्सीजन सिलेंडर तो किसी से दवा मुहैया कराने के नाम पर ठगी की वारदात की गई।
पुलिस का कहना है कि पीड़ित लोग अपनों को बचाने के लिए इस कदर परेशान थे कि वह जालसाजों की बात पर भरोसा कर ठगी का शिकार हो गये। पुलिस का कहना है कि साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए गृह मंत्रालय, बैंक और पेमेंट गेट-वे कंपनियों के साथ रणनीति तैयार की।
शिकायतकर्ताओं के लिए हेल्पलाइन नम्बर शुरू की ताकि उन्हें सीधे और जल्द शिकायत मिल सके। पुलिस ने जालसाजों के नंबर चिन्हित कर उन्हें ब्लॉक किया। पुलिस ने उन बैंक खातों को चिन्हित किया जहां ठगी की रकम जा रही थी।
इन सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया। पुलिस ने उन राज्यों की पुलिस के साथ एक अंतरराज्यीय टीम बनाई जिन जगहों से ठग के कनेशन नजर आ रहे थे। इसके अलावा पुलिस ने लोगों को जागरूक किया।
इससे लोगों को पता चला कि इस तरह से जालसाजी हो रही है और उन्हें इससे बचना है। दिल्ली पुलिस की माने तो जालसाजों का नेटवर्क सात राज्यों में फैला हुआ है। सिम कार्ड किसी राज्य से जारी करवाए गए जबकि खुद जालसाज किसी अन्य राज्य में बैठे हुए हैं।
ठगी की रकम लेने के लिए कई राज्यों में जालसाजी से बैंक खाते खुलवा रखे थे। पश्चिम बंगाल, झारखंड, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, बिहार और पंजाब आदि राज्यों से ठगी का गोरख धंधा चलाया जा रहा है।
इन सभी राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर दिल्ली पुलिस की 20 टीमें साइबर अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ने में जुटी हुई है और पुलिस को इसमें लगातार सफलता मिल रही है।