Archana Kumari. हरे टिड्डे के आतंक से दुनिया परेशान है और भारत में भी इसके गोरखधंधे कम नहीं हो रहे हैं । राजधानी में तो हरे टिड्डे ने नायाब अपराध किया।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस शातिर ने पुरानी दिल्ली के चावड़ी बाजार में एक फर्जी अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज खोल दिया और इसके बाद सिप सर्वर के जरिये अंतरराष्ट्रीय कॉल करवा रहा था।
कॉल्स बेहद आधुनिक उपकरणों के जरिये हाईस्पीड इंटरनेट से भारतीय सर्वर को बाईपास कर की जा रही थी। एक्सचेंज में दो सर्वर लगाए गए थे, जिस पर एक ही समय में 5000 हजार कॉल की जा सकती थी।
दूरसंचार विभाग का दावा है कि पिछले सवा दो माह के दौरान 70 करोड़ से अधिक का चूना लगाया गया । नए तरीके के इस अपराधिक मामले में फिलहाल पुलिस ने एक आरोपी इमरान खान (40) को गिरफ्तार कर एक्सचेंज से एक करोड़ से अधिक के उपकरण बरामद किए हैं।
जबकि मुख्य आरोपी जुल्फिकार अली फरार है। दिल्ली पुलिस का कहना है पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश कर रही है। सूत्रों का कहना है कि आरोपी के चीन की यात्रा के भी प्रमाण मिले हैं।
जुल्फिकार की गिरफ्तारी के बाद ही खुलासा हो पाएगा कि वह चीन क्यों गया। आशंका है कि चीन के कुछ लोग इस गोरखधंधे में शामिल हो सकते हैं।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि पिछले दिनों डॉट (डीओटी)(दूर संचार विभाग) की टीम ने मध्य जिला पुलिस को फर्जी एक्सचेंज की शिकायत की थी। दूरसंचार विभाग में तैनात आईटीएस ऑफिसर अंकित शुक्ला ने बताया कि चावड़ी बाजार इलाके में इस तरह का सेटअप लगाया गया है।
इस तरह की सूचना के बाद सेंट्रल जिला पुलिस के साइबर सेल को जांच सौंपी गई। पुलिस ने जांच में पता किया कि जुल्फिकार अली नामक शख्स चावड़ी बाजार स्थित चूड़ी वालान इलाके में 26 नवंबर 2020 से इस एक्सचेंज को अदीबा इंटरप्राइजेज के नाम से चला रहा है।
इस तरह की जानकारी मिलने पर दूर संचार विभाग और पुलिस की टीम वहां पहुंची तो आरोपी जुल्फिकार को इसकी भनक लग गई। वह अचानक पुलिस टीम को चकमा देकर फरार हो गया।
जांच के दौरान पता चला कि जुल्फिकार का रिश्तेदार यूसुफ बिल्डिंग की देखरेख करता है। जुल्फिकार का भांजा इमरान टेलीफोन एक्सचेंज को चला रहा था। पुलिस ने उसे मौके से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चलाने की बात कबूली। पुलिस का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय कॉल्स के लिए दूर संचार विभाग के सर्वर के जरिये ही कॉल की जा सकती है।
लेकिन आरोपियों ने जुगाड़ के जरिये ऐसा सेटअप लगाया जिनकी मदद से सरकारी सर्वर को बाईपास कर विदेशों से ट्रंककॉल के लिए कॉल करवाई जा सकती थी।
जांच कार्रवाई में पता चला है कि आरोपी अपने दो नंबर से सिप सर्वर के जरिये एक समय में 5000 हजार कॉल करवा सकते थे। इन दोनों सिप सर्वर की वजह से हर दिन दूर संचार विभाग को एक करोड़ से अधिक का घाटा हो रहा था।
इस तरह आरोपियों ने सवा दो माह के दौरान सरकार को 70 करोड़ से अधिक का चूना लगा दिया। दूरसंचार विभाग के टीम ने सर्वर के इस्तेमाल और राजस्व का मिलान किया तो उसमें भारी अंतर आया, इससे दूरसंचार विभाग में तैनात कर्मियों का माथा ठनका।
इसकी तहकीकात की गई तो पता चला कि पुरानी दिल्ली में सरकारी सर्वर को बाईपास कर सरकार को चूना लगाया जा रहा है। आरोपियों के दोनों नंबर से करीब डेढ़-डेढ़ लाख कॉल्स रोजाना हो रही थीं।
आरोपी विदेशों की कॉल्स का महज 10 फीसदी ही रकम ले लेते थे। ऐसे में सरकार को इससे बड़ा घाटा और आरोपियों को मोटा मुनाफा हो रहा था। बहरहाल पुलिस की कोशिश है कि फरार आरोपी को पकड़ा जाए ।
दबोचे गए आरोपी के कब्जे से लैपटॉप, सीप सरवर, पैच बॉक्स, कंप्यूटर, बैटरी तथा ट्रंक डिवाइस आदि कई अन्य उपकरण जप्त किए गए