वामपंथी मीडिया ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को लेकर झूठ फैलाया और राष्ट्रवादियों के कुंठित वर्ग ने उसे हवा दी! पुष्कर अवस्थी खोल रहे हैं ऐसे झूठों की पोल…
Pushker Awasthi. मैं सबसे ज्यादा आनंदित तब होता हूँ जब राष्ट्रीवादियो का एक वर्ग विशेष, भृष्ट मीडिया के सहयोग से उड़ाय गये, विपक्ष के नरेशन को आंख बंद कर ले उड़ता है और आदर्श व सुचित्ता की पतंग उड़ाने लगता है। यह कुछ एक ऐसे मौके होते है जब मेरा मन लिखने का हो जाता है।
कल से यह खबर आयी थी कि अमित शाह की संपत्ति में पिछले पांच वर्षों में 300% की बढ़ोत्तरी हुयी है और यह खबर टाइम्स ऑफ इंडिया समूह के अखबारों में सबसे पहले आयी थी। इस खबर को इस तरह से लिखा गया था जिससे यह संशय बना रहे कि यह 300% कि बढ़ोत्तरी के पीछे अवैध ढंग से कमाय गये धन का योगदान है। इस खबर को सबसे पहले कांग्रेस व वामपंथी दलों के समर्थित वेब पोर्टल्स ने बढ़ाया, जिसे आदर्शवादी व सुचित्ता के पहरुआ राष्ट्रवादियों ने फौरन लपक लिया और सोशल मीडिया पर ललकारती, उपहास और कटाक्ष करती हुयी लेखमालाओ से भर दिया है। जिन कारणों से कांगी वामियों के गिरोह ने यह खबर चलाई गयीं थी वह अपने मकसद में फिर पूरी तरह से सफल रहे है, एक बार फिर लोग, बिना धैर्य रक्खे और श्रोत के पीछे की सच्चाई जाने अपनी ही जड़ काटने की होड़ में जुट गये है। यह लोग थोड़ा धैर्य रखते और कुछ खोजना शुरू करते तो उन्हें आज, सच सामने आने के बाद लज्जित नही होना पड़ता।
इस 300% कि बढ़ोत्तरी का सच यह है कि अमित शाह की पारिवारिक संपत्ति उनकी स्वर्गवासी मां के नाम पर थी, जिनका 2010 में निधन हो गया था। जब 2012 में अमित शाह ने उनकी संपत्तियों का ब्यौरा, गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पर्चा भरने पर दिया था तब तक मां के नाम की प्रॉपर्टी उनके नाम ट्रांसफर नहीं हुई थी। इसलिये उन्होंने सिर्फ वो संपत्ति बताई जो उन्होंने कमाई थी। इसके बाद अब 2017 में उन्होंने राज्यसभा के लिए पर्चा भरा तब तक मां की संपत्ति भी उनके नाम पर ट्रांसफर हो चुकी है, इसलिये उस सम्पत्ति को भी जोड़ कर दिखाया है। सच्चाई यह है कि अमित शाह की खुद की संपत्ति लगभग उतनी ही है जितनी 2012 में थी।
जब यह 300% कि बढ़ोत्तरी की खबर फैल गयी तब मीडिया का ध्यान इस बात पर गया कि जिस संपत्ति को वह अमित शाह की बता रहे है वह वास्तव में उनकी पैतृक संपत्ति है और कानून रूप से इसका जिक्र हलफनामे में किया गया है। इसके बाद से ही इस खबर को लोगो ने अपने अपने न्यूज़ पोर्टल से हटा दिया और इस को छुपाने के लिये एक नया इल्ज़ाम लगा दिया कि मीडिया पर अमित शाह ने दबाव बनाया है और मीडिया ने अमित शाह के डर से 300% बढ़ोत्तरी वाली खबर हटायी है। अभी तक तो यही सच सामने आया है। बाकी लोग अपने अपने आदर्शों और सुचित्ता कि पतंग उड़ाने के लिये स्वतंत्र है।
Courtesy: Pushker Awasthi FB wall