“निग्रहाचार्य” हैं धर्म के ज्ञाता
शुद्ध कसौटी पत्थर हैं ये , खोटे-सोने की खोट बताते ;
जितने भी पाखंडी-बाबा , उन सबकी कुण्डली बनाते ।
धर्म-सनातन के व्याख्याता , धर्म का सच्चा-मर्म बताते ;
“निग्रहाचार्य” हैं धर्म के ज्ञाता , धर्म से ये पाखण्ड मिटाते ।
प्रकाण्ड पंडित ये शास्त्रों के , शास्त्रविहित हर बात बताते ;
अंधा बाबा – लौंडा बाबा , हर बाबा की पोल खोलते ।
नब्बे-प्रतिशत से ज्यादा हैं , भारत में पाखण्डी-बाबा ;
धर्म को धंधा बना रखा है , सब के सब सरकारी-बाबा ।
अब्बासी-हिंदू नेता है आका , उसके ही ये चरण चूमते ;
जो खुद म्लेच्छों के तलवे चाटे , उसके आगे पूंछ हिलाते ।
धर्म का सत्यानाश कर रहे , चरित्रहीन बाबा व नेता ;
कुछ नहीं धर्म से इनको मतलब , पाप पूर्ण जीवन से नाता ।
इनके पापों का बोझ बढ़ रहा , हिंदू ! तुझे उठाना होगा ;
जो भी पापी का करे समर्थन, उसको भी नर्क भोगना होगा ।
इतने गंदे ये नेता बाबा , पूरा देश नर्क कर डाला ;
धर्महीन – अज्ञानी हिंदू ने , अपनी आंखों पर पर्दा डाला ।
हिंदू के आगे मौत की खाई , जल्दी ही गिरने वाला है ;
“निग्रहाचार्य” की बात जो समझे, वो ही हिंदू बचने वाला है ।
आंख मूंद मत करो भरोसा , चाहे बाबा हो या नेता ;
निन्यानबे प्रतिशत ये झूठे हैं , हिंदू का धर्म यही लेता ।
धर्म नहीं तो कुछ भी नहीं है , हिंदू ! तू मिटने वाला है ;
भविष्य-मालिका भविष्य का दर्शन, हर-पापी मरने वाला है ।
वामी,कामी,जिम्मी,सेक्युलर , अब्बासी – हिंदू मिट जायेगा ;
धर्मभ्रष्ट जो भी हिंदू है , वो भी न बचने पायेगा ।
हिंदू ! धर्म-मार्ग पर आओ , अपने बच्चे-परिवार बचाओ ;
“निग्रहाचार्य” को ध्यान से सुनना,हर पाखण्ड से बच जाओ ।
खरा-खरा ये सदा बोलते , मुंह देखी कोई बात न करते ;
पूरी तरह से ये निर्भय हैं , कभी किसी से न डरते ।
सच्चे-लोगों के ये ही लक्षण , मीठी-बातों से बचना हिंदू !
कड़वी-दवा ही रोग भगाती , अब्बासी-हिंदू से बचना हिंदू !
सबसे बड़ा शत्रु हिंदू का , अब्बासी-हिंदू भारत का नेता ;
इसके बाद ही सारे दुश्मन , सबसे आगे ये नेता ।
हिंदू की आंखों में पट्टी , पाखण्डी-बाबाओं ने बांध रखी है ;
“शंकराचार्यों” को गाली देते, चितायें अपनी सजा रखी है ।
गृहयुद्ध करा देगा ये नेता , सौ-करोड़ से अधिक मरेंगे ;
सच्चे धर्मनिष्ठ जो हिंदू ! इस आग से केवल वही बचेंगे ।