भाजपा का ‘मिसिंग ममता‘, भय पेयेचे ममता, ‘कोथाय आचे ममता‘ के बाद ‘ममताडाहाफेल‘ अभियान कैलाश विजयवर्गीय ने ममता से इस्तीफा मांगा और नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं की आवाज दबाने की आलोचना की
तृणमूल कांग्रेस सरकार के नौ साल पूरे होने पर भाजपा महासचिव और प्रदेश प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को देश की सबसे असफल मुख्यमंत्री घोषित किया। ममता सरकार के नौ साल पूरे होने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि नौ साल के शासनकाल में ममता जी ने राज्य में कितने उद्योग लगवाएं ? कितने लोगों को रोजगार दिया? राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से चरमरा गयी है। विजयवर्गीय ने हुगली में हिंसा पर मुख्यमंत्री की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि लॉकडाउन का पालन करने वाले लोगों पर एक विशेष संप्रदाय के लोगों ने हमले किये। उनके मकान तोड़े गये। उनके घरों को जलाया गया और ममता जी तुष्टिकरण की नीति के कारण कोई भी कार्रवाई नहीं की।
पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा नेताओं द्वारा लगातार मुख्यमंत्री के खिलाफ अभियान चलाये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पर कोरोना मुकाबले में असफल रहने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने ‘मिसिंग ममता’ व ‘भय पेयेचे ममता’ के बाद अब ‘ममताडाहाफेल’ अभियान शुरू किया। अभियान के तहत भाजपा के नेताओं ने लगातार ट्वीट किए। ममता बनर्जी पर कोरोना मामले को संभालने, राज्य की कानून व्यवस्था संभालने और प्रशासनिक मामले में असफल होने का आरोप लगाए। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया था ममता सरकार कोरोना से लड़ने में पूरी तरह फेल, चाहे वो स्वास्थ्य हो या राशन व्यवस्था या फिर प्रवासी मजदूरों को वापस लाने में जनता का विश्वास खो चुकी हैं ममता सरकार। केंद्रीय राज्य मंत्री देवश्री चौधरी ने ट्वीट था ममता बनर्जी की गंदी राजनीति से प्रवासी श्रमिकों की परेशानी बढ़ी है। भाजपा नेता मुकुल राय का ट्वीट था लोग मर रहे हैं, लेकिन दीदी संख्याओं को छिपाने में व्यस्त हैं, क्योंकि वह अच्छी दिखना चाहती हैं! ताकि कुछ भी पता नहीं चले। इससे पहले भाजपा की तरफ से ममता बनर्जी पर कोरोना मामले में असफल रहने का आरोप लगाते हुए ‘भय पेयेचे ममता’ मतलब डर गई हैं ममता व ‘मिसिंग ममता’ यानी खो गई है। इसके बाद ‘कोथाय आचे ममता’ यानी कहां हैं ममता अभियान शुरू किया। भाजपा की ओर से 1 मार्च से ‘आर नोय अन्याय’ अभियान शुरु किया गया था। अभियान के तहत 15 लाख लोगों ने अपनी समस्याएं बताईं।
भाजपा का लक्ष्य राज्य के 5 करोड़ लोगों तक पहुंचना है। तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद बैरकपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए अर्जुन सिंह ने बंगाल की ममता सरकार पर हत्या कराने की कोशिश का सनसनीखेज आरोप लगाया है। सांसद ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर यह आरोप लगाया है। इसके बाद कैलाश विजयवर्गीय ने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि यदि हमारे सांसद के साथ कुछ भी अनिष्ट होता है, तो इसके जिम्मेदार ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर अजय ठाकुर होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को इसके परिणाम भी भुगतने होंगे।
कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ मामला दर्ज
भाजपा के अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा ने गैरभाजपाई सरकारों की तंत्र का बेजा इस्तेमाल करने की आलोचना की। उनका कहना है कि विपक्ष की सरकारें अपने-अपने राज्यों में भाजपा कार्यकर्ताओं की आवाज दबा रही हैं। यह प्रतिक्रिया उन्होंने भाजपा के राष्ट्राय महासचिव और बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और भाजपा आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय बंगाल के मालदा में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में अलग-अलग एफआइआर दर्ज होने के बाद की। वैसे तो उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का जिक्र नहीं किया पर निशाना उन्हें ही बनाया गया। विजयवर्गीय और अमित मालवीय पर टि्वटर हैंडल के माध्यम से सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का आरोप लगाया गया है। मालदा में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दोनों नेताओं के खिलाफ अलग-अलग एफआइआर दर्ज कराई गई है।
एफआईआर किसी सज्जाद हक नामक व्यक्ति ने आपदा प्रबंधन अधिनियम व आइपीसी की धाराओं के तहत भाजपा नेताओं के खिलाफ यह शिकायत दर्ज कराई। समाज में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की नीयत से ट्विटर के जरिए फर्जी खबरें फैलाने का आरोप लगाया गया है। शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच भी शुरू कर दी है। इससे पहले बंगाल पुलिस ने भाजपा के लोकसभा सांसद लॉकेट चटर्जी और अर्जुन सिंह के खिलाफ हाल में हुगली जिले में हुई साम्प्रदायिक हिंसा को उकसाने के आरोप में केस दर्ज कर पूछताछ के लिए बुलाया। चटर्जी हुगली से सांसद हैं और र्जुन सिंह हुगली नदी के दूसरे छोड़ पर स्थित बैरकपुर का से लोकसभा के सदस्य हैं। दोनों सांसदों के खिलाफ दो अलग केस हुगली के चुंचुड़ा थाने में दर्ज किया गया। उनके खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। हुगली जिले के तेलिनीपारा और इसके आसपास के चंदननगर, श्रीरामपुर व भद्रेश्वर इलाके में कुछ दिनों पहले दो समुदायों के बीच जमकर हिंसा हुई थी। इस घटना के सिलसिले में पुलिस ने अब तक 129 लोगों को गिरफ्तार किया। भाजपा की तरफ से दंगे को लेकर सरकार पर कई आरोप लगाए थे। इससे पहले लोगों को राहत सामग्री पहुंचा रहे भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी, सांसद-विधायक और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक दिया।
भाजपा सांसद सुकांता मजुमदार ने 14 दिन होम क्वारंटाइन में रहे। बाहर निकलने पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। छह घंटे तक सड़क पर ही रोके रखा गया। इसकी शिकायत राज्यपाल से की गई। भाजपा सांसदों की शिकायत है कि स्थानीय प्रशासन भी दीदी के इशारों पर काम कर रहा है और राजनीति कर रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री देवाश्री चौधरी को भी परेशान किया गया। लॉकडाउन का पालन करने पर भी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। सात पुलिस वैन में 70 लोगों ने आकर उनके घर को घेर लिया और फिर अपार्टमेंट के बाहर क्वारंटाइन नोटिस लगा दिया। क्वारंटाइन की अवधि बीतने के बावजूद उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। सांसद जॉन बारला को भी जरूरतमंद लोगों को सामान पहुंचाने से रोका गया। सांसद अर्जुन सिंह के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की गई।