अर्चना कुमारी। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ चल रही जांच से संबंधित संबंध संवेदनशील दस्तावेज लीक करने के आरोपी उनके वकील आनंद डागा एवं मुंबई पुलिस के उपनिरीक्षक अभिषेक तिवारी को अदालत ने जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया। दोनों ने जमानत की अर्जी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया। बताया जाता है कि राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई अदालत के कोर्ट ने कहा कि अभी इस मामले में जांच चल रही है।
इस दशा में उन्हें जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है। इसके बाद न्यायाधीश ने यह कहते हुए दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी। दूसरी तरफ बचाव पक्ष ने कहा कि उनके मुवक्किल को फर्जी मामले में फंसाया गया है। उनके मुवक्किल ने जांच में सहयोग किया है। ऐसे में जमानत प्रदान की जाए। अभियोजन पक्ष ने मामले की जांच को देखते हुए जमानत पर आपत्ति जताई।
गौरतलब है कि अदालत ने 6 सितंबर को सीबीआई की रिमांड बढ़ाने की याचिका खारिज करते हुए डागा और तिवारी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अदालत ने सीबीआई को उन्हें 20 सितंबर को पेश करने का निर्देश दिया गया था।
डागा, तिवारी और अज्ञात अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। उनपर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अनुचित लाभ की एवज में संवेदनशील और गोपनीय दस्तावेजों को लीक किया था ताकि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री को इसका लाभ पहुंचाया जा सके।