आशुतोष महाराज मामले में आज पंजाब सरकार के नए मुख्य अधिवक्ता (ADVOCATEGENERAL)अतुल नंदा ने पंजाब हरयाणा हाई कोर्ट में सरकार के पक्ष को रखा। उन्होंने कहा की इस मामले में को हस्तक्षेप करने का आदेश देना कोई आधार नहीं बनता। उन्होंने बहस की शुरुआत में ही कहा की यह केस कानूनी तौर पर कोर्ट में सुना नहीं जा सकता। इस मसले का कोर्ट में होने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा की सिंगल बेंच ने अपने आर्डर में यह लिखा है की प्रत्यक्ष तौर पर तथाकथित बेटे का आशुतोष महाराज से कोई सम्बन्ध सिद्ध नहीं होता, दलीप झा ऐसा कोई भी सबूत कोर्ट में नहीं रख पाया जिससे यह सिद्ध हो सके की वो आशुतोष महाराज का बेटा है।
कोर्ट ने तो यह तक रिकॉर्ड किया है कि जो भी दस्तावेज़ दलीप झा ने कोर्ट में पेश किये हैं वे सभी जाली है और इनके द्वारा अदालत को गुमराह करने की कोशिश की गयी है। इसलिय दलीप झा अपना कोई अधिकार सिद्ध नहीं कर पाया है। और जब याचिकाकर्ता का कोई अधिकार ही नहीं है तो कोई मुकद्दमा ही नहीं बनता है।
याचिका करता के कानूनी अधिकार न होने पर सिंगल बेंच को ये मुकद्दमा वहीँ समाप्त कर देना चाहिए था। किसी भी प्रकार की अतिरिक्त जांच में जाने की अदालत को आवश्यकता नहीं थी।