विपुल रेगे। फिल्म उद्योग में हर फिल्म निर्माता को स्वतंत्रता होती है कि वह अपनी फिल्म की रिलीज के लिए कोई भी दिन चुन ले। रिलीज की तारीखों पर किसी फिल्म निर्माता का एकाधिकार नहीं होता। कंगना रनौत की आगामी फिल्म ‘इमरजेंसी’ का क्लेश अमिताभ और टाइगर श्रॉफ की फिल्म ‘गणपत’ से हो रहा है। दोनों फ़िल्में एक ही दिन रिलीज हो रही है और इस बात से कंगना ख़फ़ा हैं। वें इतनी ख़फ़ा हैं कि उन्होंने ट्वीटर पर तलवार खींच ली है।
कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ 20 अक्टूबर को रिलीज की जा रही है और इसी दिन टाइगर श्रॉफ और अमिताभ बच्चन की ‘गणपत’ भी रिलीज होने जा रही है। दोनों फिल्मों के अलावा एक और फिल्म ‘यारियां 2’ भी प्रदर्शित होने जा रही है लेकिन ये दौड़ में नहीं है। जब ‘गणपत’ के निर्माताओं ने अपनी फिल्म कंगना की फिल्म के साथ रिलीज करने का फैसला किया तो कंगना ने अपने ट्वीटर अकाउंट से आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने अमिताभ एंड टीम को ‘बॉलीवुड माफ़िया’ लिखा है।
देखा जाए तो कंटेंट और मनोरंजन के स्तर पर कंगना की फिल्म टिकट खिड़की पर पैसा ला सकेगी, इसमें बड़ा संदेह है। पिछले पांच साल से कंगना फ्लॉप चल रही हैं। ‘इमरजेंसी’ पर उनका सब कुछ दांव पर लगा हुआ है क्योंकि वे इसे निर्देशित भी कर रही हैं। टिकट खिड़की ‘ऑफ बीट’ फिल्मों को पसंद नहीं करती। नब्बे प्रतिशत ऑफ बीट फ़िल्में टिकट खिड़की पर या तो फ्लॉप हो जाती हैं या औसत कलेक्शन ही कर पाती हैं।
हिन्दी बॉक्स ऑफिस का ट्रेक रिकार्ड देखा जाए तो यहाँ ऑफ बीट फिल्म रिलीज करना एक बड़ा जुआं है। कंगना के अनुसार उनकी फिल्म से टाइगर श्रॉफ की फिल्म को ख़तरा है, जो कि एक हास्यापद बयान है। ‘गणपत’ एक मसालेदार फिल्म है और ‘इमरजेंसी’ एक ऐसे विषय पर बनी फिल्म है, जिसका आम दर्शक से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है। इंदिरा गाँधी द्वारा लगाए गए आपातकाल से देश बहुत आगे निकल चुका है। अब आपातकाल एक भारतीय के लिए कड़वी याद बनकर रह गया है।
इस कड़वी याद को फिल्म के रुप में रिलीज करना एक बड़ा जोखिम है, जो निर्माता-निर्देशक कंगना रनौत ने उठा लिया है। फिल्म का प्रोडक्शन बजट 40 से 50 करोड़ है। 10 से 15 करोड़ इसका प्रचार बजट है। लगभग साठ करोड़ की इस फिल्म को देखने के लिए दर्शक क्यों थियेटर्स जाएगा, ये एक बड़ा प्रश्न है। उद्धव ठाकरे के विरुद्ध रण का एलान कर कंगना ने जो यश कमाया था, वह एकता कपूर के साथ एक भद्दा रियलिटी शो कर गंगा में बहा दिया।
अब राष्ट्रवादियों का एक बड़ा समूह उनका साथ छोड़ चुका है। उस पर सितम ये कि कंगना की ज़ुबानी तलवार रुकने का नाम नहीं ले रही। कभी आलिया भट्ट, कभी जावेद अख्तर तो कभी अमिताभ बच्चन के विरुद्ध उनकी ट्विटर चिड़िया बोलती ही रहती है। क्या कंगना को अहसास है कि उनका कॅरियर अब ढलान पर है। यहाँ से आगे उन्हें लीड रोल मिलना मुश्किल दिखाई देता है। उनकी उम्र अब लीड रोल करने से बहुत आगे निकल चुकी है।
ऐसे में कंगना की बयानबाज़ी उनकी फिल्म को बहुत नुक़सान पहुंचा सकती है। और अब तो पता चला है कि कंगना ने रियलिटी शो ‘लॉकअप’ के दूसरे सीजन के लिए फिर एकता कपूर से हाथ मिला लिया है। स्पष्ट है कि मैन लीड के किरदारों की दौड़ में अब कंगना की बाज़ी समाप्त होने जा रही है।