अर्चना कुमारी। भाजपा चाहती तो जम्मू कश्मीर से किसी कश्मीरी पंडित को राज्यसभा भेज सकती थी लेकिन तुष्टीकरण के चलते उसने वही कदम उठाया जो कांग्रेसी उठाते थे। भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू कश्मीर के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के गुलाम अली खटाना को राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा सदस्य के रूप में नामित कराया है ,जिसका स्वागत भाजपा तो किया लेकिन हिंदू जनमानस इससे खुश नहीं है।
इस बारे में बताते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि जम्मू कश्मीर के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के गुलाम अली खटाना को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा राज्यसभा सांसद के रूप में नामित करना इस समुदाय के लोगों के साथ साथ पूरे देश के लिए ऐतिहासिक और अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जम्मू कश्मीर में धारा 370 के हटने से पहले इस समुदाय को कोई अधिकार नहीं था। धारा 370 हटने से पहले यह समुदाय जम्मू कश्मीर में पूरी तरह उपेक्षित और हर तरह के अधिकारों से वंचित था। जबकि कश्मीर को दशकों तक तबाह करने वाले आतंकवाद के खिलाफ इस समुदाय के लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
आतंकवादी गतिविधियों की सूचना देने से लेकर दुर्गम और पहाड़ी रास्तों में गुर्जर बकरवाल समुदाय के लोगों से भारतीय सेना को हमेशा मदद मिलती रही। यहां तक कि करगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों की सूचना भी एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ के बीच खानाबदोश की जिंदगी जीने वाले गुर्जर बकरवाल जनजातीय समाज के लोगों ने ही भारतीय सेना को दी थी।
पहले भी कई मौकों पर इस समुदाय के लोग देश की रक्षा में और राष्ट्रप्रेम की भावना जाहिर करने में आगे रहे हैं। 2008 से भारतीय जनता पार्टी में अत्यंत सक्रिय गुलाम अली खटाना को राज्यसभा सदस्य के रूप में नामित किए जाने से ना सिर्फ इस समुदाय के लोगों को बहुत बड़ा प्रतिनिधित्व मिला है बल्कि अब इस समुदाय की आवाज भी पूरे देश में प्रखरता से सुनी जाएगी।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने राज्यसभा सांसद के रूप में नामित हुए गुलाम अली खटाना को शुभकामनाएं दी और कहा कि उनका कार्यकाल अत्यंत सफल और यादगार रहेगा।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच समाज के पिछड़े तबके को हमेशा आगे लाने की रही है । पसमांदा जनजातीय समाज को मजबूती प्रदान करने और मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिशों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जितना आभार व्यक्त किया जाए, वो कम है।लेकिन कश्मीरी पंडितों को राज्यसभा में जगह क्यों नहीं दी गई इस बारे में वह कुछ नहीं बोल पाए