कल रात Fake News फैलाने के आरोपी #AltNews की मूल कंपनी Pravda Media Foundation को Notice issued हुआ है। उस कंपनी में Mohammed Zubair, Pratik Sinha और Nirjari Sinha Directors हैं। इन पर Companies Act के उल्लंघन का आरोप है।
मोहम्मद जुबैर ने ही नुपुर शर्मा के विरुद्ध आधा अधूरा वीडियो फैला कर उसके सिर की बोली लगाई है, जिसके बाद से एक सप्ताह में दो हिंदुओं का ‘सिर तन से जुदा’ जिहादी कर चुके हैं।
प्रतीक सिन्हा मुकुल सिन्हा का बेटा है। गुजरात दंगा केस में मुकुल सिन्हा तीस्ता सीतलवाड़ के एक सहयोगी थे, जिस पर मैंने अपनी पुस्तक ‘साजिश की कहानी-तथ्यों की जुबानी’ में प्रकाश डाला था। तीस्ता गिरफ्तार हो चुकी है और मुकुल सिन्हा का 2014 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनता देखने से कुछ दिन पहले ही 12 May को देहांत हो गया। उक्त कंपनी में तीसरी निदेशक मुकुल सिन्हा की पत्नी और प्रतीक सिन्हा की मां Nirjari Sinha है।
इस पूरे कबाल को अरुंधती राय सहित अंतरराष्ट्रीय फंडिंग खूब हुई है। और इनका डर तथाकथित दक्षिणपंथियों पर लंबे समय तक रहा है। यही कारण है कि लंबे समय तक फेक न्यूज फैलाने पर भी इन पर कार्रवाई नहीं हो सकी थी। जुबैर की गिरफ्तारी भी नुपुर मामले में नहीं, 2018-19 के एक सोशल पोस्ट मामले में कमजोर धाराओं में हुई है। उम्मीद है कि हिंदुओं का गुस्सा देखते हुए आगे सरकार इस पूरे कबाल पर और कठोर कार्रवाई करेगी। कंपनी को जारी नोटिस इसकी ही एक कड़ी हो सकती है।
दक्षिणपंथी में कैसे इस कबाल का भय था, इसे एक उदाहरण से समझिए। ‘मूढ़ों’ में तथाकथित ‘डाटा साइंटिस्ट’ और ‘जासूस’ के नाम से मशहूर गौरव प्रधान नामक एक जीव इस फेक न्यूज मेकर के रूप में आरोपी प्रतीक सिन्हा के डर से 2017 में ट्वीटर छोड़ कर भाग गया था।
प्रतीक सिन्हा की धमकी पर न केवल उसने माफी मांगी, बल्कि उसके डर से माफी मांगता अपना ट्वीट पिन करके ऊपर भी रखा और फिर ट्वीट एकाउंट ही डिलीट कर भाग गया!
काफी समय तक गौरव प्रधान प्रतीक के डर से ट्वीटर पर लौटा ही नहीं। बाद में मामला ठंडा होने पर लौटा, लेकिन फेक न्यूज फैलाने के चक्कर में काफी समय से ट्वीटर ने ही उसका एकाउंट सस्पेंड कर रखा है। अब वह अलग अलग फर्जी नामों से ट्वीटर पर झांकता रहता है।
सोचिए जिस प्रतीक के पिता को मैंने 2013 में अपनी पुस्तक में एक्स्पोज किया, उससे दक्षिणपंथियों के एक मूढ़ वर्ग का हीरो बनता गौरव प्रधान कैसे डर कर भागा! ऐसे लोग खुद को ‘डाटा साइंटिस्ट’ कहते हैं, जिनको ढंग का फैक्ट तक पता नहीं होता! इनके चक्कर में काफी बड़ा और युवा वर्ग मिसलीड होता रहता है।
अतः दक्षिणपंथियों के प्रबुद्ध वर्ग से विनती है कि आपकी लड़ाई को हर फ्रंट पर कमजोर करने वालों को अंदर व बाहर, दोनों तरफ पहचानिए, अन्यथा ऐसे लोग आपको यूं ही ‘पंचमक्कारों’ के आगे घुटने टिकवाते रहेंगे। धन्यवाद।