अर्चना कुमारी। दिल्ली हाईकोर्ट ने इंस्टाग्राम पर हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार, इंस्टाग्राम और फेसबुक को नोटिस जारी किया । सोशल मीडिया के सशक्त माध्यम पर हिंदू देवी देवताओं के अश्लील चित्र पोस्ट करने और अपमानजनक शब्दों का उपयोग करने को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के अलावा इंस्टाग्राम और फेसबुक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा । अदालत का कहना है कि इस बारे में कोर्ट 16 अगस्त को इस मामले में अगला सुनवाई करेगा।
यह नोटिस आदित्य सिंह देशवाल नामक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया गया। याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता जी. तुषार राव एवं आयुष सक्सेना ने सुनवाई कहा है कि इंस्टाग्राम पर न केवल हिंदू देवी देवताओं के अश्लील चित्र बनाए गए बल्कि उनके लिए आपत्तिजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया है।
इसलिए इंस्टाग्राम से उसे हटाने का निर्देश दिया जाए। इंस्टाग्राम के तरफ से मुकुल रोहतगी ने कहा कि विवादित पोस्ट को हटा दिया गया है। इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने जवाब दिया कि अभी तक आईटी के नए नियमों के तहत उचित कार्रवाई नहीं की गई है। नए नियमों के तहत कार्रवाई की जाए और जो पोस्ट विवादित हैं, उस को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया जाए ,जिससे कि उसे अदालती कार्रवाई में उपयोग किया जा सके।
उसे हाईकोर्ट में भी पेश करने का निर्देश दिया जाए। इंस्टाग्राम के अधिवक्ता ने जवाब दिया कि इस सब मुद्दों को लेकर उसने शिकायत अधिकारी नियुक्त कर दिया है। यही शिकायत अधिकारी फेसबुक के लिए भी है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उनके 50 लाख के आसपास फॉलोअर्स्स हैं। इतने लोगोंं की शिकायत सुननेेे के लिए सिर्फ दोनों सोशल मीडिया के लिए एक ही अधिकारी का होना उपयुक्त नहीं है। एक ही अधिकारी को दोनों सोशल मीडिया के लिए नहीं रखा जा सकता है।
उन्होंने इस मुद्दे पर जवाब देने के लिए कहां है। जस्टिस रेखा पल्ली की वेकेशन बेंच ने 16 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है । याचिकाकर्ता की ओर से वकील जी तुषार राव और आयुष सक्सेना ने कहा कि इंस्टाग्राम पर हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट डाले गए हैं और इंस्टाग्राम पर कार्टून और ग्राफिक्स के जरिये देवी-देवताओं पर अश्लील सामग्री डाली गई । याचिका में कहा गया है कि इंस्टाग्राम आईटी रूल्स का पालन कर रहा है कि नहीं अभी इसकी भी पड़ताल नहीं हो पाई है और इसके साथ ही याचिका में मांग की गई है कि आईटी रूल्स का पालन करना सुनिश्चित किया जाए।