अर्चना कुमारी । उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा की एसआईटी से जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बीजेपी और कांग्रेस के 24 नेताओं को दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया। अदालत के अनुसार इनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मनीष सिसोदिया और असदुद्दीन ओवैसी समेत कई दलों के नेता शामिल हैं।
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 22 मार्च तक इस बाबत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। दरअसल याचिकाकर्ता शेख मुज्तबा और दूसरे याचिकाकर्ता लॉयर्स वॉयस ने अलग-अलग याचिकाएं दायर करके विभिन्न पार्टियों के नेताओं को दिल्ली हिंसा का जिम्मेदार ठहराया। इनमें भारतीय जनता पार्टी के चार नेताओं कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, परवेश वर्मा और अभय वर्मा के भाषणों को उकसाने वाला और हिंसा भड़काने वाला बताते हुए इन नेताओं को हिंसा का जिम्मेदार ठहराया है जबकि लॉयर्स वॉयस ने भी 20 नेताओं को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।
बताया जाता है कि इनमें प्रमुख तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मनीष सिसोदिया, आप विधायक अमानतुल्लाह खान, वारिस पठान, अकबरुद्दीन ओवैसी, वकील महमूद प्राचा, हर्ष मंदर, मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल, अभिनेत्री स्वरा भास्कर, उमर खालिद, मौलाना हबीब उर रहमान, मोहम्मद दिलावर, मौलाना श्रेया रजा, मौलाना हामूद रजा, मौलाना तौकीर, फैजुल हसन, तौकीर रजा खान और बीजी कोसले पाटिल आदि शामिल है और इन नेताओं को हिंसा का जिम्मेदार बताया गया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इन नेताओं को पक्षकार बनाने से पहले इनका जवाब जानना जरूरी है और उसके बाद कोर्ट ने इन नेताओं को नोटिस जारी किया । इससे पहले 24 फरवरी को कोर्ट ने एसआईटी से जांच की मांग करने वाली याचिकाओं को चुनौती देने वाली एक याचिकाकर्ता की इस मांग को खारिज कर दिया था कि उसे इस मामले में पक्षकार बनाया जाए ।
उससे पहले 8 फरवरी को शेख मुज्तबा की ओर से वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके जांच करने की मांग की थी। जबकि लॉयर्स वॉयस की ओर से वकील सोनिया माथुर ने कहा था कि वे भी कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं के खिलाफ हेट स्पीच संबंधी एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी ।
बताया जाता है कि उसके बाद कोर्ट ने दोनों को उन नेताओं को भी पक्षकार बनाने के लिए अर्जी दाखिल करने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि ये याचिकाएं पिछले साल 28 फरवरी को चीफ जस्टिस डीएन पटेल की बेंच से ट्रांसफर कर दी गई थी और जिसके बाद 4 फरवरी को याचिकाएं जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल के समक्ष लिस्ट की गई थी।