अर्चना कुमारी। दिल्ली दंगा को लेकर हाईकोर्ट ने हिंसा मामले के आरोपी शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया । अदालत के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 24 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। जमानत पर बहस करते हुए सुनवाई के दौरान शरजील इमाम की ओर से पेश वकील तनवीर अहमद मीर ने कहा कि दर्ज प्राथमिकी में शरजील इमाम के भाषणों की मात्र तीन लाईन का जिक्र है।
उसके पूरे भाषण को पढ़ा जाए तो उसके मायने अलग निकलते हैं। इस पर अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने जमानत देने या नहीं देने पर कोई विचार नहीं किया है और सभी आरोप सात साल से कम की सजा वाले हैं। आरोपी को जमानत क्यों नहीं दी जा सकती है तथा कौन-कौन गवाह हैं। इसके जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा कि शरजील इमाम के लिए राजद्रोह का आरोप है, जिसमें उम्रकैद की सजा का प्रावधान है।
इस पर अदालत में कहा कि राजद्रोह के मामले में हिंसा के लिए आह्वान का आरोप होना चाहिए। अदालत ने इस बाबत पुलिस को नोटिस दिया। गौरतलब है कि जनवरी में कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी शरजील इमाम की जमानत याचिका खारिज कर दिया था और एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने शरजील इमाम की जमानत याचिका खारिज करते हुए उसके खिलाफ राजद्रोह के आरोप तय करने का आदेश दिया था।
बताया जाता है कि 24 नवंबर 2020 को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था जबकि दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर 2020 को पूरक चार्जशीट दाखिल किया गया था।
आरोप पत्र में पुलिस ने कहा था शरजील इमाम ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया। जिसकी वजह से हिंसा हुई । पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी। ज्ञात हो कि आरोपी सरजील इमाम को बिहार से गिरफ्तार कर जेल में रखा गया है ।