विपुल रेगे। करण जौहर की नई फिल्म ‘लाइगर’ का भविष्य पहले दिन ही तय हो गया। फिल्म को दर्शकों ने नकार दिया है। दर्शकों का कहना है कि वास्तव में ये एक बॉलीवुड फिल्म है, जो एक दक्षिण के निर्देशक ने बनाई थी। विजय देवरकोंडा का पैन इंडिया डेब्यू बुरी तरह ध्वस्त हो गया है। दर्शकों की प्रतिक्रियाओं को देखे तो लग रहा है कि करण जौहर इसकी लागत भी नहीं निकाल सकेंगे।
लाइगर प्रदर्शित होने से पूर्व अभिनेता विजय देवरकोंडा का सार्वजनिक व्यवहार चर्चा में रहा। उनकी ये गलती फिल्म पर भारी पड़ गई, ऐसा नहीं कहा जा सकता। वास्तव में फिल्म विजय के सार्वजानिक बयान से भी अधिक बुरी है। विजय देवरकोंडा के बयान के बाद हिन्दी पट्टी के फिल्म निर्माताओं ने खुलकर उनका विरोध किया। फिल्म निर्माता मनोज देसाई ने तो गुस्से में विजय को एनाकोंडा कह दिया। रिलीज से पूर्व ही देवरकोंडा के भाग्य के सितारें पलटते दिखाई दे रहे थे।
पुरी जग्गनाथ जैसा फिल्म निर्देशक हो तो सफलता का प्रतिशत स्वयं ही बढ़ जाता है किन्तु यहाँ पुरी जिस काम के लिए जाने जाते हैं, वह दिखाई ही नहीं दिया। ऐसा लगता है कि निर्माता करण जौहर द्वारा दिए गए इनपुट्स के कारण फिल्म का बुरा हाल हो गया है। पहले दिन फिल्म ने लगभग 25 करोड़ की ओपनिंग लेकर जो उम्मीद जगाई, वह दूसरे दिन ढह गई। दूसरे दिन की एडवांस बुकिंग देखकर जौहर कतई खुश नहीं होंगे। ऐसा नहीं है कि जौहर ने गलत निर्देशक चुन लिया।
वास्तव में लाइगर को बॉलीवुडी फिल्म बनाने के चक्कर में ये हाल हो गया है। यदि दर्शकों को फिल्म पसंद आती तो शुक्रवार से लेकर रविवार तक इसे जबरदस्त कलेक्शन मिल सकता था क्योंकि युवा दर्शकों में इसके लिए बहुत क्रेज बना हुआ था। पहले दिन जब दर्शक फिल्म देखकर बाहर निकले तो उनकी प्रतिक्रियाओं ने इसका भविष्य तय कर दिया था। इन दिनों बॉलीवुड की फ़िल्में लगातार पिट रही है। इससे बचने के लिए बॉलीवुड ने दशकों पुराना पारंपरिक तरीका अपनाना भी शुरु कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि नब्बे के दशक तक महाराष्ट्र के अमरावती और मध्यप्रदेश के इन्दौर में फ़िल्में गुरुवार को ही प्रदर्शित कर दी जाती थी। माना जाता था कि इन दो सेंटर्स की पब्लिक रिपोर्ट जो आती है, वह संपूर्ण हिन्दी बेल्ट के लिए भविष्यवाणी होती थी। बाकी क्षेत्रों में फ़िल्में शुक्रवार ही प्रदर्शित होती थी। रिलीज का दिन बदलने के पीछे भाग्य भी एक कारण हो सकता है। बॉलीवुड वाले भाग्य को बड़ा मानते हैं। संभव है कि उन्होंने ऐसा सोचा हो कि रिलीज का दिन बदल देने से उनका भाग्य भी सुधर जाएगा।
करण जौहर की बादशाहत बड़े खतरे में दिखाई देती है। लाइगर के पिट जाने के बाद अभी उन्हें एक सदमा और सहना बाक़ी है। सितंबर में जौहर की एक और बड़ी फिल्म ‘ब्रम्हास्त्र’ का पहला भाग प्रदर्शित होने जा रहा है। फिल्म को लेकर दर्शक में कोई क्रेज नहीं है और न इसके गाने ही लोकप्रिय हुए हैं। बॉलीवुड तेज़ी से परिवर्तन की ओर भाग रहा है। फिल्म निर्माताओं ने कहना शुरु कर दिया है कि बड़े स्टार्स अब अपनी फीस घटाए ताकि फिल्म इंडस्ट्री अपना घाटा कम कर सके। ये संकेत है कि करोड़ों की फीस लेने के दिन अब लदने जा रहे हैं।