अर्चना कुमारी। जेएनयू के छात्र शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह समेत अन्य धाराओं के तहत आरोप तय होने के मामले में अब 26 मई को सुनवाई की जाएगी । दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा के आरोपी शरजील इमाम के भड़काऊ भाषण के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट की ओर से राजद्रोह के आरोप तय किये जाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस दे रखा है।
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 26 मई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। बताया जाता है कि शरजील इमाम ने जामिया युनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में दिए भाषणों को लेकर कड़कड़डूमा कोर्ट की ओर से राजद्रोह के मामले में आरोपी तय करने को चुनौती दी है। इस मामले को लेकर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की और इस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दो हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि इसी मामले में शरजील इमाम ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की हुई है और जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर चुकी है। इससे पहले कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी शरजील इमाम की जमानत याचिका खारिज कर दिया था और एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने शरजील इमाम की जमानत याचिका खारिज करते हुए उसके खिलाफ राजद्रोह के आरोप तय करने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने कहा कि दिसंबर 2019 में दिए गए भाषणों के लिए शरजील इमाम को ट्रायल का सामना करना होगा।आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने अपने भाषण में असम राज्य को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाले चिकेन नेक इलाके को अलग करने की बात कही थी।