सीपीआई(एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने एक मात्र मार्क्सवादी शासित राज्य केरल में रामायण माह आयोजित करने का फरमान जारी किया है। पार्टी की राज्य समित ने 17 जुलाई से रामायण माह आयोजित करने का फैसला किया है। इतना ही नहीं पार्टी ने 25 जुलाई को रामायण पर एक सम्मेलन आयोजित करने के साथ बुथ स्तर तक रामायण आयोजन को पहुंचाने का फैसला किया है। इस अभियान की जिम्मेदारी पार्टी की छात्र इकाई एसएफआई के पूर्व अध्यक्ष और राज्य समिति के सदस्य शिवदासन को दी है।
हिंदुओं के संगठित होने का ही नतीजा है कि हिंदुओं को हेय दृष्टि से देखने वाली कांग्रेस और उसके सर्वोच्च नेता राहुल गांधी जनेऊ पहनने को विवश हुआ तो अब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव रामलीला कराने जा रहे हैं। लेकिन यह समय सचेत होने का है और इनलोगों के झांसे में नहीं आने का है। क्योंकि ये न कभी हिंदू हितैषी थे न कभी हो सकते हैं। अगर ये लोग हिंदू हितैषी दिखने पर विवश हुए हैं तो वह है सत्ता का लालच। किसी प्रकार सत्ता में आने या बने रहने के लिए ही इस प्रकार का नाटक कर रह हैं।
1980 तक सीपीआई (एम) के कार्ड होल्डर सदस्यों के लिए मंदिर में जाना निषिद्ध था। लेकिन जब से पार्टी की कमान सीताराम येचुरी के हाथ में आई पार्टी में आमूलचूल परिवर्तन दिखाई देने लगा है। जिस पार्टी के सदस्यों के लिए मंदिर में प्रवेश वर्जित था उसी पार्टी के वर्तमान महासचिव ने केरल में रामायण माह आयोजित करने का फैसला किया है। इतना ही नहीं उन्होंने लोगों से संपर्क बढ़ाने के लिए मंदिर को एक अच्छा जरिया बताया है।
मलयालम मीडिया में प्रकाशित खबरों की माने तो पार्टी रामायण के विश्लेषण तथा उस पर बहस के लिए पूरे राज्य में कक्षा आयोजित करने का काम शिक्षकों तथा संस्कृत विशेषज्ञों को सौंपेगी। पिछले तीन सालों से सीपीआई (एम) श्री कृष्ण जयंती के मौके पर पूरे राज्य में रैली आयोजित करती आ रही है। ये सारे धार्मिक काम वही मार्क्सवादी पार्टी कर रही है जो कभी संघ की प्रगति को रोकने के लिए नास्तिक दर्शन को अपना उपयुक्त हथियार मानती थी। लेकिन वही संघ राज्य में पिछले पांच दशकों से श्री कृष्ण जयंती पर रैलियों का आयोजन कर राज्य में अपना आधार बढ़ाने में सफल हुआ है।
संघ के रास्ते पर चलते हुए अब सीपीआई(एम) के वैचारिक नेताओं ने भी संस्कृत के अध्यापकों को खोजना तथा उनकी नियुक्त शुरू कर दी है। रामायण माह के दौराना मलयालम भाषा में आम लोगों को रामायण समझाने तथा उसे हर रोज पढ़ने जैसे आयोजन को सफल बनाने के लिए एसएफआई के पूर्व अध्यक्ष शिवदासन पार्टी के शिक्षक विंग के साथ समन्वय करेंगे। पार्टी में भी रामायण के सभी पक्षों को प्रदर्शित करने पर बहस छिरी हुई।
URL: Now Sitaram Yechury took the decision to turned Ramayan, be aware of it
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