जिस नेता का चिड़िया दिल हो , वो नेता पद के योग्य नहीं ;
तुरंत हटाओ नेता-पद से , ये तो किसी भी योग्य नहीं ।
हमें चाहिये शेर – दिल नेता , योगी – हेमंता के जैसा हो ;
वीर शिवा , राणा प्रताप हो , इन सबके ही जैसा हो ।
मिडिल-ईस्ट के देश हैं गीदड़ , बब्बर-शेर को घेर रहे हैं ;
बब्बर-शेर है अपना-भारत , हमको सदियों से घेर रहे हैं ।
सर्वश्रेष्ठ भारत की सेना , बाल न बांका कर पायेंगे ;
पर महाभ्रष्ट हैं नेता- अफसर , जो नीचे हमें गिरायेंगे ।
इसका इलाज भी जल्दी होगा , योगी-हेमंत को आने दो ;
भारत का सौभाग्य जगेगा , बस कायर – नेता जाने दो ।
आखिर कितना शेष है जीवन,स्वाभिमान से अब तो जी लो
गीदड़ का जीवन ये त्यागो , शेर-वृत्ति कुछ तो अपना लो ।
कहां-कहां तुम पूंछ हिलाते ? शाहीन-बाग तक झेला करते;
पर तुमको वे धोखा देते , नोबेल- प्राइज नहीं दिलाते।
कितनी नफरत मिल रही है तुझको? कैसे तू हँस पाता है ?
मौत से बदतर जीवन होता , सम्मान नहीं जो पाता है ।
धर्म – विरोधी पाप कर रहा , कितने नर्कों को भोगेगा ?
काशी – धाम के मंदिर तोड़े , घोर – नर्क ही भोगेगा ।
चैन तुझे कैसे मिलता है ? क्या नींद ठीक से आती है ?
जिसकी मूंढ़-बुद्धि हो पत्थर , जगत-गति नहीं व्यापती है ।
क्या सारी पार्टी मूढ़ हो चुकी? कुछ तो अक्ल की बात करो;
जो नेता पार्टी मिटवा दे , उससे खुद को मुक्त करो ।
अब न रेत पर नाव चलेगी , हिंदू नींद से जाग चुका है ;
कायर – जिम्मी नेता के रहते , तेरा दीपक बुझ ही चुका है ।
अपना कल्याण जो पार्टी चाहे , नेता को फौरन बदलो ;
एक नहीं दो – दो नायक हैं , यूपी – आसाम कहीं से लो ।
योगी जैसा पीएम ही अब , भारत देश बचा सकता है ;
वरना कायर – रोता नेता , देश को नष्ट करा सकता है ।
दोनों विकल्प हैं पास तुम्हारे , श्रेष्ठ विकल्प को अपनाओ ;
पीएम पद पर योगी हों व , देश को हिंदू – राष्ट्र बनाओ ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”