सुप्रीम कोर्ट में लोकपाल पर सवाल उठाने वाले वकील प्रशांत भूषण को एक बार फिर झिड़की सुननी पड़ी। इस बार सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने प्रशांत भूषण को नकारात्मक सोच वाला व्यक्ति बताया है। मालूम हो कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के ही पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने जस्टिस लोया मामले में इसे कोर्ट फिक्सर कहा था। बार-बार इस प्रकार के लांक्षण लगने के बाद भी इस ‘खरदूषण’ को शर्म नहीं आती है। असल में जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से वह न्यायपालिका के माध्यम से उसे अस्थिर करने में जुटा है। मालूम हो कि गुरुवार को लोकपाल की नियुक्ति को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य नायाधीश रंजन गोगोई ने सर्च कमेटी से लोकपाल और उसके सदस्यों को शॉर्टलिस्ट करने का काम शीघ्र करने का अनुरोध किया था। तभी आदत से लाचार प्रशांत भूषण ने सर्च कमेटी के कार्य करने पर अड़ंगा लगाने के उद्देश्य उसके कामकाज पर ही संदेह जता दिया था।
#Lokpal:
Prashant Bhushan: How will Search Committee work?#CJI: What's your reason to doubt? Look at things positively & world will be a better place. Try from tmrw
Bhushan: But we don't know what's happening?#CJI: You know everything Mr Bhushan. At least more than judges..
— Utkarsh Anand (@utkarsh_aanand) January 17, 2019
प्रशांत भूषण ने जस्टिस गोगोई से पूछा कि आखिर सर्ट कमेटी काम कैसे करेगी? उनके इसी सवाल पर जस्टिस गोगोई ने उसे नकारात्मक सोच वाला व्यक्ति कह दिया। उन्होंने कहा है कि आखिर इस पर संदेह करने का कारण क्या है? इसके साथ ही नसीहत देते हुए कहा कि आप सकारात्मक दृष्टि से देखना शुरू करो आपको दुनिया खूबसूरत लगने लगेगी। और इसे आप कल से ही प्रयास करना शुरू कर दें। इतना कहने के बाद भी प्रशांत भूषण अपनी आदत से बाज नहीं आया और उसने कहा कि मैं नहीं जानता कि हो क्या रहा है? प्रशांत भूषण की इसी आदत को देखते हुए कहा गया होगा कि ‘चोर चोरी से जाय लेकिन हेराफेरी से न जाए’।
#SupremeCourt sets a timeline for shortlisting names for #Lokpal, it's members. Search Committee to finalise panel of names by Feb end and process them for the Selection Committee. The Court will hear it next on March 7 | @News18Courtroom
— Utkarsh Anand (@utkarsh_aanand) January 17, 2019
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल और उसके सदस्यों के नामों की शॉर्टलिस्ट करने की समयावधि तय कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने चयन समिति को यह काम फरवरी तक पूरा कर लेने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने 7 मार्च को इस मामले पर फिर से सुनवाई करने की तारीख तय कर दी है।
ज्ञात हो कि लोकपाल और उसके सदस्यों की नियुक्ति को लेकर कॉमन कॉज नाम के गैर सरकारी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी चयन समिति के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
साल 2018 के सितंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीशी रंजना देशाई की अध्यक्षता में आठ सदस्यय चयन समिति गठित की गई थी। लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी इस समिति की एक भी बैठक आयोजित नहीं हुई है। इस मामले को लेकर कॉमन काउज एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
2014 में मोदी सरकार आने के बाद से ही उसे गिराने के लिए प्रशांत भूषण के षड्यंत्र
1. फर्जी सहारा-बिडला डायरी के जरिए मोदी सरकार को बदनाम करने का प्रयास
2. पूर्व न्यायाधीश लोया की सामान्य मौत को हत्या बताकर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को जेल भिजवाने का प्रयास
3. पूर्व न्यायाधीश लोया मामले में न्यायपालिका की गरिमा को कुचलने का प्रयास, इसी मामले में पूर्व न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने प्रशांत भूषण को कोर्ट फिक्सर कहा था
4. आधार कार्ड के जरिए भ्रष्टाचार पर प्रहार से बिलबिला कर आधार कार्ड को ही खत्म कराने का प्रयास
5. अवैध घुसपैठिए रोहिंग्या मुसलमानों को देश में रोकने का प्रयास
6. चुनावों में अपने आकाओं की हार के बाद ईवीएम पर दोषारोपण कर चुनाव आयोग की गरिमा पर हमला
7. पहले आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर बनने से रोकने का प्रयास और फिर बाद में उन्हें पद पर बनाए रखने के लिए मोदी सरकार को बदनाम करने का प्रयास
8. आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को सीबीआई से हटाने के बाद सीबीआई के कार्यकारी निदेशक बनाए गए एम नागेश्वर राव को रोकने का प्रयास
9. कांग्रेस की शह पर राफेल डील को लेकर अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा के साथ मिलकर मोदी सरकार को गिराने का प्रयास
10. कश्मीर के अलगाववादियों, आतंकवादियों और पत्थरवाजों के पक्ष में मोदी सरकार को गिराने का प्रयास
11. कठुआ रेप कांड मामले में अपने सहयोगी इंदिरा जयसिंह के साथ मिलकर हिंदुओं और देश को बदनाम करने का प्रयास
URL: once again CJI called advocate prashant bhushan negative person !
Keyword : Supreme court, prashant bhushan, common cause, लोकपाल, चयन समिति