
एक आख़िरी प्रयास!
विगत दस महीनों से लेख, वेवीनार, सोशल मीडिया के ज़रिये मैंने लोगों के साथ कोरोना के इलाज से संबंधित अनेक जानकारियाँ शेयर की।जिन्हें भी इसका अवसर मिला उन्होंने जानकारी का लाभ उठाया और आज वे सभी कोरोना के शारीरिक और मानसिक संक्रमण से स्वयं को सुरक्षित करने में सफल रहे।
कोरोना एवं कोरोना के इलाज से संबंधित सबसे ज़्यादा अफ़वाह और गुमराह करने का काम सरकार, वैज्ञानिक , डॉक्टर , दवा की कम्पनी और मीडिया ने किया और इस गुनाह की सजा जनता झेल रही है।
वैज्ञानिकों की माने तो कोरोना निरंतर स्वयं को बदलने वाला वाइरस है, अत: एच आई वी वाइरस की तरह ही इसकी भी असरकारक वैक्सीन संभव नहीं है। दूसरा कोरोना की एन्टीबॉडीज लगभग 3 महीने में समाप्त हो जाती हैं, अत: वैक्सीन द्वारा विकसित एन्टीबॉडी भी समाप्त हो जायेंगी और वैक्सीन का प्रभाव ख़त्म हो जायेगा। सबसे मुख्य बात यह है कि वैक्सीन तभी असरकारक होगी जब व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता स्ट्रॉंग होगी अन्यथा वैक्सीन ही इंफ़ेक्शन का कारण बन जायेगी।
कोरोना संक्रमण के ऑंकलन से यह दिखाई देता है कि कोरोना का सबसे अधिक क़हर महानगरों में हुआ और सिलसिलेवार गाँवों तक समाप्त हो गया। इसका तात्पर्य है गाँवों में रहने वालों की प्रतिरोधक क्षमता महानगरों में रहने वालों से कहीं अधिक स्ट्रॉंग है ।पलायन प्रकरण के दौरान शंका थी कि कोरोना गाँवों में बहुत तेज़ी से फैलेगा परन्तु ऐसा नहीं हुआ। इसका स्पष्टतः कारण ग्रामीण की स्ट्रॉंग प्रतिरोधक क्षमता है ।
सभी लोगों को वैक्सीन के काम करने की प्रक्रिया को विधिवत समझने की आवश्यकता है। वैक्सीन के ज़रिये शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कृत्रिम तरीक़े से विषाणु विशेष की मौजूदगी का एहसास दिलाया जाता है। प्रतिरोधक क्षमता उपयुक्त एन्टीबॉडी बनाकर विषाणु को समाप्त कर देती है और एन्टीबॉडी का सिग्नेचर रजिस्टर कर लेती है। विषाणु विशेष का संक्रमण होने पर अविलम्ब प्रतिरोधक क्षमता पूर्वाभ्यासित एन्टीबॉडी बनाकर संक्रमण से बचा लेती है। अत: वैक्सीन के असरकारक होने की संभावना तभी है जब प्रतिरोधक क्षमता स्ट्रॉंग होगी अन्यथा वैक्सीन भी संक्रमण का कारण बन सकती है।
अब तक में सभी यह जान चुकें हैं कि महानगरों के निवासियों, बीमार व्यक्तियों, उम्र दराज लोगों तथा बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता अन्य के मुक़ाबले तुलनात्मक रूप में कम है। सरकारी वक्तव्यों से यह ज्ञात होता है कि प्रथम चरण में इन्हीं लोगों को प्रीमैच्योर वैक्सीन दी जायेगी। एक ओर आपाधापी में नियमों को दरकिनार कर अल्प अवधि में बनाई गई वैक्सीन जिसकी गुणवत्ता संदेहास्पद है, दूसरी ओर कोरोना का निरंतर बदलता स्ट्रेन और तीसरा कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग ।अत:
वैक्सीन को लेकर सरकार का यह प्रयास कहीं और घातक सिद्ध ना हो जाये। हाल ही में पता चला है कि इंग्लैंड में फाइजर की वैक्सीन की मंज़ूरी देते ही कोरोना वाइरस का नया स्ट्रेन मिला है जो पहले के मुक़ाबले 70% अधिक तेज़ी से बढ़ता है। अब फाइजर की पुरानी वैक्सीन की सार्थकता समाप्त हो गई और नये स्ट्रेन की वैक्सीन जब तक आयेगी तब तक में कोरोना का एक और नया अवतार हो चुका होगा। कोरोना के पीछे भागने से कोरोना से निदान नहीं मिलेगा बल्कि हमें कोरोना से लड़ने के लिये सभी की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना होगा।
विगत कई महीनों से मैं निरंतर सरकार और समाज को यह समझाने का प्रयास कर रहा हूँ पर मॉडर्न मेडिसिन सिस्टम की चकाचौंध में मेरा प्रयास विलोपित होता जा रहा है। इन लेखों को कलमबद्ध करने में मैंने अपने जीवन का बहुमूल्य समय इसलिये समर्पित किया कि जन कल्याण हो सके, परन्तु अब धीरे-धीरे निराशा का एहसास होने लगा है। उम्मीद करता हूँ कि इस लेख को पढ़ने के बाद अधिक से अधिक लोग अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर स्वयं को कोरोना से सुरक्षित करेंगे और वैक्सीन तथा मॉडर्न मेडिसिन का तिरस्कार करेंगे।
कमाण्डर नरेश कुमार मिश्रा
फाउन्डर ज़ायरोपैथी
वेवसाइट- www.zyropathy.com
ईमेल- zyropathy@gmail.com
ज्ञान अनमोल हैं, परंतु उसे आप तक पहुंचाने में लगने वाले समय, शोध, संसाधन और श्रम (S4) का मू्ल्य है। आप मात्र 100₹/माह Subscription Fee देकर इस ज्ञान-यज्ञ में भागीदार बन सकते हैं! धन्यवाद!
Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment

Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment

Bank Details:
KAPOT MEDIA NETWORK LLP
HDFC Current A/C- 07082000002469 & IFSC: HDFC0000708
Branch: GR.FL, DCM Building 16, Barakhamba Road, New Delhi- 110001
SWIFT CODE (BIC) : HDFCINBB
Paytm/UPI/Google Pay/ पे / Pay Zap/AmazonPay के लिए - 9312665127
WhatsApp के लिए मोबाइल नं- 8826291284