प्रधानमंत्री मोदी की पश्चिम एशिया की यात्रा के बाद भारत एक क्षेत्रीय तेल भण्डारण और व्यापारिक केंद्र बनने के लिए तैयार है। भारत ने अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) को अपनी धरती पर कच्चे तेल के भण्डारण की इजाजत दे दी है। यह सयुंक्त अरब अमीरात द्वारा भारतीय तेल परियोजना में किया गया पहला निवेश होगा।यह पश्चिमी एशियाई तेल उत्पादकों के साथ नई दिल्ली के क्रेता-विक्रेता संबंधों में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है।
भारत UAE से अभी तक कच्चा तेल खरीदता था, लेकिन अब भारत एक निवेशक के रूप में पार्टनर हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की UAE यात्रा ने पांच बड़े समझौते हुए हैं। सबसे बड़ा समझौता यह है कि भारत की सरकारी तेल कंपनियों के लिए निवेश का रास्ता खुला और भारत UAE का प्रमुख तेल पार्टनल बनकर उभरा है।
यह उन लोगों के मुंह पर तमाचा है जो कहा करते थे कि कच्चे तेल का दाम गिरने के बावजूद सरकार तेल का दाम क्यों कम नहीं कर रही है! दरअसल कांग्रेस के काल में तेल 72₹लीटर था, लेकिन तीनों सरकारी तेल कंपनियों पर 1 लाख करोड़ से अधिक का कर्ज था और कंपनियां घाटे में थी। मोदी सरकार के समय भी तेल की कीमत उतनी ही है, लेकिन तीनों कंपनियां घाटे से उबर चुकी है, इसलिए मजबूत हुई हैं। अब अरब में निवेश करने की ताकत हासिल कर चुकी हैं।
सोचिए, यदि हमारा आपका एक लीटर पर 10-20 ₹ बच भी जाता तो क्या हम उसका सदुपयोग कर पाते? लेकिन आपका-हमारा वही धन आज भारत की सरकारी तेल कंपनियों को विश्व के स्तर पर ताकतवर बना चुका है। जिनके लिए देश पहले है, वो इस खबर से खुश होंगे। और जिनके लिए कांग्रेसी कल्चर यानी लालच महत्वपूर्ण है, वो विधवा विलाप चालू रखेंगे!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के अबूधाबी दौरे के दौरान एक के बाद एक बड़ी ख़बर सामने आ रही हैं। पहले तो केवल हिन्दू मंदिर के शिलान्यास की ही खबर थी, मगर अब अबूधाबी से ऐसी जबरदस्त खबर सामने आ रही है, जिसे देख आपकी आँखें फटी रह जाएंगी। पीएम मोदी जी ने पेट्रोल-डीजल की समस्या से जूझ रहे भारत की बड़ी परेशानी का हल कर दिया है।
अबू धाबी के 10% तेल पर हुआ भारत का कब्जा
ओएनजीसी विदेश लिमिटेड ने सयुंक्त अरब अमीरात(UAE) ऑयल फील्ड में 10 प्रतिशत हिस्सा खरीदा है, इसके लिए 60 करोड़ डॉलर का भुगतान किया गया है। आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब अबू धाबी में किसी ऑयल फील्ड में किसी भारतीय तेल कंपनी को हिस्सा बेचा गया है। इस करार के तहत सयुंक्त अरब अमीरात(UAE) की इस ऑयल फील्ड से निकलने वाले कच्चे तेल के करीब 10 प्रतिशत हिस्से पर ओएनजीसी विदेश लिमिटेड का अधिकार होगा। यह करार 9 मार्च 2018 से लागू हो जाएगा।
भारत की पेट्रोल-डीजल की समस्या का हुआ समाधान
इस ऑयल फील्ड के जरिए प्रतिदिन लगभग 4 लाख बैरल यानि सालभर में करीब 2 करोड़ टन कच्चे तेल का उत्पादन होता है। इसमें से भारत को हर साल इसका 10 प्रतिशत यानि करीब 20 लाख टन कच्चा तेल मिलेगा। जैसे-जैसे ऑयल फील्ड से कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ेगा, वैसे-वैसे भारत को भी ज्यादा मात्रा में कच्चा तेल मिलता जाएगा! 2025 तक इस ऑयल फील्ड का रोजाना उत्पादन 4.5 लाख बैरल किए जाने का लक्ष्य है। ओएनजीसी विदेश लिमिटेड भारत की 3 बड़ी तेल कंपनियों यानि ओएनजीसी, इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम की तरफ से बनाई गई संयुक्त कंपनी है!
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आएगा बदलाव
कच्चे तेल को लेकर हुई इस ऐतिहासिक डील से भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर भी राहत मिलेगी। पहले जॉर्डन, फिर फिलिस्तीन और अब अबूधाबी, जैसा स्वागत पीएम मोदी जी का हुआ है, उसे देख सभी बेहद हैरान हैं, आज अमेरिका से लेकर रूस व इजराइल से लेकर अरब देशों तक सभी पीएम मोदी जी के लिए पलकें बिछाते हैं, दुनिया का हर देश आज भारत के साथ जुड़ना चाहता है यही वजह है कि इतिहास में पहली बार सयुंक्त अरब अमीरात ने भारतीय कंपनी को आयल फील्ड में हिस्सेदारी बेचीं है। जो काम कांग्रेस 67 सालों में नहीं कर सकी, वो मोदी ने 4 सालों में कर दिखाया है।
साभार: डीडी भारती