हिंदू – नेता कितने दब्बू ? जेहादी है इनका अब्बू ;
मन से ये अब भी गुलाम हैं , पूरे के पूरे हैं ढब्बू ।
या तो चरित्रहीन हैं इतने , ब्लैकमेल होते रहते हैं ;
या फिर गांधीवाद में फंसकर , सारा साहस खो देते हैं ।
हजार बरस से जेहाद अनवरत , हमको जागरूक होना है ;
पर हिंदू – नेता हमको भटकाते , सबसे बड़ा यही रोना है ।
सत्यानाश किया भारत का , चरित्रहीन नेताओं ने ;
वामी ,जेहादी ,जिम्मी ,सेक्युलर , ऐसे ही नेताओं ने ।
भोला -भाला सीधा – हिंदू , सदा मूर्ख बन जाता है ;
सत्ता पाकर ऐसा नेता , हिंदू का गला काटता है ।
झूठे इतिहास का जहर पिलाकर, हिंदू को पथभ्रष्ट कर रहे ;
महापातकी हिंदू – नेता , धर्म – सनातन नष्ट कर रहे ।
अनपढ़ – हिंदू अधिक श्रेष्ठ है , झूठा- इतिहास नहीं जाना ;
इन्हीं की दम पर धर्म बचा है , इनको ही है राष्ट्र बचाना ।
पढ़े-लिखे हिंदू सब सुनलें , यदि अपनी जान बचानी है ;
अपने सच्चे इतिहास को जानो,सोशल मीडिया की वाणी है
जेहादी-षड़यंत्र को तोड़ो , झूठे-इतिहास की शिक्षा छोड़ो ;
झूठा – इतिहास पढ़ाने वाले , स्कूलों कॉलेज को छोड़ो ।
गांव-गांव में गुरुकुल खोलो , शस्त्र – शास्त्र की पूरी शिक्षा ;
हमें चाहिये हर हाल में योद्धा, सर्वश्रेष्ठ अब यही है शिक्षा ।
डॉक्टर ,इंजीनियर भरे पड़े हैं , पर कितने कमजोर हैं सारे ;
जरा भी दंगा झेल न पाते , अपनी पीठ दिखाते सारे ।
नहीं चाहिये ऐसी शिक्षा , जो हमको कमजोर बनाये ;
हमें चाहिये ऐसे योद्धा , गजवायेहिंद से राष्ट्र बचाये ।
सबसे पहले जीवन रक्षा , धंधा – पानी बाद में करना ;
अच्छी तरह से हिंदू सुन लो , हिंदू-वादी नेता चुनना ।
सबसे पहले धर्म बचाओ , देश को हिंदू- राष्ट्र बनाओ ;
हिंदू – राष्ट्र बनेगा भारत , सारे हिंदू सब – कुछ पाओ ।
किसी को कोई कमी न होगी , सारा भ्रष्टाचार मिटेगा ;
तुमको ठगने वाले नेता , उनको कारागार मिलेगा ।
सर्वश्रेष्ठ है न्याय का शासन,इसको लाता कानून का शासन;
कानून का शासन कब आयेगा?जब छाया हो धर्म-सनातन।
धर्म – सनातन हमें बनाता , चरित्रवान व न्याय का रक्षक ;
धर्म बिना तो अभी राज्य है , सत्य-न्याय का पूरा भक्षक ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”