आईएसडी नेटवर्क। सउदी अरब में हज के लिए जाने वाले हाजियों के लिए आने वाले आवेदनों की प्रक्रिया के लिए भारत सरकार से जुड़ी कंपनी को काम दिए जाने पर बवाल हो गया है। अरब देशों के मीडिया ने इस बात पर आपत्ति ली है कि हज के लिए आने वाले आवेदनों की प्रक्रिया के लिए एक भारतीय कंपनी की नियुक्ति क्यों की गई है। समाचारों में स्पष्ट रुप से कहा गया है कि मुस्लिमफोबिया वाले भारत देश को हज का महत्वपूर्ण कार्य क्यों सौंपा गया।
मिडिल ईस्ट में भारत और पश्चिमी देशों से हज के लिए आने वाले हाजियों के आवेदनों को मोटाविफ नामक कंपनी में प्रोसेस के लिए भेजा जाता है। मोटाविफ सउदी अरब की सरकार द्वारा अधिकृत किया गया है। ये कंपनी भारत स्थित Accel India को अपना काम आउटसोर्स कर रही है। Accel India हाजियों का डाटा प्रोसेसिंग का कार्य देख रही है। चूँकि मोटाविफ के पास इस कार्य को करने के लिए समुचित टीम नहीं है इसलिए ये कार्य भारत की कंपनी को सौंपा गया था।
अरब देशों की मीडिया का आरोप है कि कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत प्रकाश सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं। आरोप ये भी लगाया गया है कि दुबई स्थित एक कंपनी Traveazy में करोड़ों डॉलर का निवेश किया गया था, जिसमे प्रशांत प्रकाश पर भागीदारी के आरोप हैं। जैसे ही ये समाचार बाहर आया, प्रतिक्रियाएं आना शुरु हो गई। इस पर प्रतिक्रिया देने वालों में बहुत से भारत के भी हैं।
दिल्ली की नादिया खान ने कहा कि हज का काम भारतीय कंपनी के ऐसे व्यक्ति को देना बहुत खतरनाक है, जिसकी लिंक भारतीय जनता पार्टी के साथ है। ऐसे ही बयान उन कई मुस्लिम युवाओं ने दिए हैं, जो भारत में ही रहते हैं। जबसे नूपुर शर्मा का प्रकरण सामने आया है, सउदी अरब का मीडिया लगातार भारत पर हमलावर है।
इस गंभीर आरोप पर अब तक भारत सरकार की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है। उल्लेखनीय है कि मोटाविफ को इसलिए शुरु किया गया था क्योंकि हज यात्रा में कई फर्जी ट्रेवल कंपनियां लोगों को लूट रही थी। हालांकि भारत की कंपनी को काम देना और उस कंपनी से एक भाजपा समर्थित व्यक्ति के जुड़े होने पर विरोध प्रकट किया जा रहा है।