अर्चना कुमारी। दिल्ली हिंसा के मामले में छह आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए गए। इनमें बिलाल अंसारी, सुहैल ऊर्फ भोलू, इमरान, गुलफाम, समीर सैफी और सलमान शामिल हैं। कड़कड़डूमा कोर्ट ने के एडिशनल सेशंस जज वीरेंद्र भट्ट ने कहा कि किसी गवाह के बयान को इस आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता है कि उसका बयान हिंसा के एक साल बाद दर्ज किया गया।
कोर्ट ने बिलाल अंसारी, सुहैल ऊर्फ भोलू, इमरान, गुलफाम, समीर सैफी और सलमान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 380, 436 और 457 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया। कोर्ट के अनुसार यह मामला उत्तर-पूर्वी दिल्ली में यमुना विहार में दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी से जुड़ा हुआ है।
इस बारे में पांच अलग-अलग शिकायतकर्ताओं ने शिकायत की थी कि उनकी दुकानों में दंगाइयों ने लूटपाट और आगजनी की थी। इनमें से 28 फरवरी 2020 को गणेश कुमार ने कहा था कि 25 फरवरी 2020 को नूर-ए-इलाही चौक, मोहनपुरी में दंगाइयों ने उसकी दुकान गणेश स्टोर्स का शटर तोड़कर दुकान में रखे सभी लूट लिए। इसी तरह अजहर हुसैन ने बताया था कि मेन नूर-ए-इलाही रोड पर 24 फरवरी 2020 को उसकी दुकान जला दी गई।
तीसरे शिकायतकर्ता लोकेश कुमार का कहना था कि पंडित दीवान चंद मेमोरियल पब्लिक स्कूल मार्केट, यमुना विहार रोड पर उसकी दुकान में आग लगाई गई। इसी तरह चौथी शिकायत गजेंद्र कुमार ने बताया था कि दंगाइयों ने उसकी दुकान को आग लगा दी थी जबकि अंतिम शिकायत में अंसार खान ने की कि मेन रोड 66 फुटा मौजपुर स्थित उसकी कंफेक्शनरी की दुकान को आग के हवाले किए जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गौरतलब है कि दिल्ली दंगा में 53 लोग मारे गए थे और कई लोग जख्मी हुए थे।