अर्चना कुमारी। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप के खिलाफ दर्ज सभी दर्ज हुए प्राथमिकी को एक साथ जोड़ने का आदेश दिया। सभी को बिहार ट्रांसफर किया। इसके अलावा कोर्ट ने NSA को चुनौती देने और FIR रद्द करने की मांग वाली याचिका पर तमिलनाडु और बिहार सरकारों को नोटिस जारी किया। अगली शुक्रवार को इस बारे में अब होगी सुनवाई। तमिलनाडु राज्य की तरफ से कपिल सिब्बल की दलील – मनीष कश्यप ने फेक न्यूज़ फैलाया।
उसने दावा किया 60 लाख फॉलोवर हैं इसके। उसने केवल पोस्ट नहीं किया। तमिलनाडु गया, वहाँ जाकर वीडियो बनाया, बोला कि बिहारियों को मारा जा रहा है। एक नहीं तीन पोस्ट किया था फेसबुक पर ,, इससे निराशा का भाव पैदा हुआ। मनीष कश्यप के खिलाफ बिहार में 3 और तमिलनाडु में NSA सहित 6 मामले दर्ज हैं। कोर्ट को बताया गया कि मनीष कश्यप के खिलाफ 8 मामले पहले से लंबित हैं, जिसमें एक 307 का मामला भी है। मनीष स्वभावत: अपराधी है।
बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के दौरान मनीष कश्यप के वकील ने कहा कि तमिलनाडु मे 6 मुकदमे बिहार मे 3 मुकदमे दर्ज किए गए हैं जबकि एन एस ए अलग से दर्ज किया गया है। तमिलनाडु सरकार की तरफ से कपिल सिब्बल ने कहा एक गवाह ने स्वीकार किया है कि पटना के घर मे वीडियो शूट किया गया था।सिब्बल ने कहा कि ये अलग मामले है… सभी मुकदमो को बिहार ट्रांसफर करने का उन्होंने विरोध किया और कहा कि अलग अलग तीन बीडियो पोस्ट किए गए.. फेसबुक , इंस्टाग्राम और यू ट्यूब पर ।
सिब्बल ने कहा कुल चार मामले हुए तीन अलग है।
सीजेआई ने कहा कि हम मुकदमो को खारिज नहीं कर रहे हैं एजेंसी जांच करेगी.,सिब्बल ने कहा कि वो सिर्फ बीडियो पोस्ट नहीं किया वो तमिलनाडु गया और फर्जी वीडियो शूट किया। मनीष कश्यप के वकील ने कहा कि NSA कैसे लगा दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने मनीष कश्यप के वकील से कहा कि हम आपको मौका देते है कि अपनी याचिका मे सुधार करे और NSA को चुनौती देने की बात को याचिका में चुनौती दें।