ओशो रजनीश का जन्म 11 दिसम्बर 1931 को मध्य प्रदेश में रायसेन जिला के अंतर्गत कुचवाड़ा ग्राम में हुआ था। 21 मार्च, 1953 को एक विशेष वृक्ष ‘‘मौलश्री’’ के नीचे ओशो को संबोधि प्राप्त हुई। इस समय ओशो की उम्र महज इक्कीस वर्ष थी और व वे डी.एन. जैन कॉलेज, जबलपुर में दर्शनशास्त्र के विद्यार्थी थे।
ओशो के अनुयायियों के लिए 21 मार्च का दिन बड़ा ही खास होता है। इस दिन को वह ओशो संबोधि दिवस के रूप में मनाते हैं। पूरे विश्व में स्थित ओशो धाम में इस दिन विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। दिल्ली स्थित ओशो धाम में यह महोत्सव पांच-दिवसीय ध्यान-शिविर के साथ मनाया जाएगा। इस ध्यान शिविर का संचालन मा योग शुक्ला तथा स्वामी रविन्द्र भारती करेंगे।
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जिस ‘मौलश्री वृक्ष’ के नीचे ओशो को संबोधि यानी ज्ञान की प्राप्ति हुई थी वह वृक्ष जबलपुर के भंवरलाल पार्क में स्थित है। आज यह वृक्ष भूरे रंग की पृथ्वी तथा घास के बीचों-बीच स्थित है, और एक गहरी संकरी खाई ने इसे चारों ओर से घेरा हुआ है। मध्यप्रदेश, जबलपुर के भंवताल उद्यान में इसे धातु के बने गेट से पूरी तरह संरक्षित किया गया है।