अर्चना कुमारी। उत्तम नगर इलाके में दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम की मिलीभगत से रेहड़ी- पटरी वालों ने आतंक मचा रखा है और अक्सर यहां पर मारपीट और लूटपाट की घटनाए होती रहती है। हरे टिंडे समुदाय के लोग नशाखोरी की धंधा किए जाने के अलावा प्रत्येक समाज विरोधी काम करते रहते हैं और पुलिस चढ़ावा मिलने पर चुप ही रहना मुनासिब समझती है लेकिन इस बार मिलाप नगर में स्थानीय व्यापारियों ने दुकान बंद कर मार्च निकाला और हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस बीच दिल्ली पुलिस के आश्वासन के बाद व्यापारी शांत हुए क्योंकि इस बार मामला सांप्रदायिक रंग ले चुका है।
उत्तम नगर इलाके में रेहड़ी-पटरी वालों द्वारा किसी व्यक्ति से मारपीट की घटनाएं आम बात है। यदि आपको इस बात की पुष्टि करनी है तो किसी भी दुकानदार से फल खरीद कर देखिए। पटरी वाले फल को कम तोलेंगे और बोले जाने पर पीटने को आमादा हो जाएंगे। करीब 2000 से अधिक रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों ने उत्तम नगर ईस्ट और वेस्ट मेट्रो के बीच आतंक मचा रखा है ।
देश विरोधी इस तरह के लोगों ने स्थानीय दुकानदारों को अपनी दुकान भी नहीं खोलने देते और यहां पर स्थानीय पक्का दुकानदारों की दुकान को घेर कर चारों तरफ रहरी- पटरी लगा देते हैं। विरोध किए जाने पर स्थानीय व्यापारियों के साथ मारपीट तथा लूटपाट की जाती है। बताया जाता है कि थाना बिंदापुर और और उत्तम नगर पुलिस ने नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस के साथ इन लोगों को संरक्षण दे रखा है। पिछले दिनों दो दुकानदारों पर हमला किया गया और उनके दुकान में लूटपाट कर दी गई।
इसके बाद इस तरह की घटनाओं के विरोध में व्यापारियों ने दुकान बंद कर मार्च निकाला और उग्र प्रदर्शन किया । 2 दिन पहले की ही बात है मिलाप नगर मार्किट के एक दुकानदार ने जब दुकान के आगे लगाने वाले रेहड़ी वाले को हटने कहा, तो उसे गुस्सा आया और कुछ देर बाद रेहड़ीवाले ने दुकान में घुसकर ना सिर्फ दुकानदार से मारपीट की, बल्कि गल्ला भी लूट लिया।
इसके विरोध में शनिवार को व्यापारियों ने मार्केट बंद कर, स्थानीय पुलिस और रेहड़ी पटरी वालों के खिलाफ प्रदर्शन किया तथा हनुमान चालीसा का पाठ कर हिंदू एकता के लिए एक सूत्र में बांधने के लिए मीटिंग की। सूचना पाकर मौके पर पहुंची बिंदापुर थाने की पुलिस और आला अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद व्यापारियों का प्रदर्शन समाप्त हुआ। मिलाप नगर मार्केट के प्रधान का कहना है कि रेहड़ी वाले पिछले कुछ समय से इतने बढ़ गए हैं कि कुछ पता ही नहीं चला। इसमें अधिकांश रोहिंग्या और बांग्लादेशी है , उन्होंने कहा कि इसके लिए पुलिस और एमसीडी दोषी हैं और आगे इस तरह की घटना का पुरजोर विरोध किया जाएगा