भारत में होने वाले 2019 आम चुनाव पर पूरी दुनिया गिद्ध दृष्टि डाली हुई है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि देश में जनाधार खो चुकी कांग्रेस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेराबंदी कर येन-केन प्रकारेण यह चुनाव जीतने में जुट चुकी है। इसी से जुड़ा एक खुलासा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सोशल मीडिया विशेषज्ञ प्रोफेसर फिलिप एन होवार्ड ने अमेरिकी सांसदों के सामने किया है। फिलिप ने कहा है कि रूस अब भारत में होने वाले आम चुनाव में दखल दे सकता है। अप्रैल 2018 में सोनिया गांधी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच हुई भेंट से उनके इस खुलासे को बल भी मिलता है।
हालांकि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सोशल मीडिया विशेषज्ञ के खुलासे से पहले ही इंडिया स्पीक्स डेली ने 23 जुलाई 2018 को ही “अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने वाले पुतिन का रूस क्या 2019 के चुनाव में सोनिया-राहुल की कांग्रेस के पक्ष में भारत के चुनाव को करेगा प्रभावित?” नाम के शीर्षक से प्रकाशित अपनी खबर में इसका खुलासा कर दिया था। वैसे भी दूसरे देशों के चुनावों में दखल देने के लिए रूस पहले से बदनाम है। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रूसी दखल की जांच आज भी चल रही है।
मुख्य बिंदु
* चूंकि भारत का मीडिया पेशेवर नहीं है इसलिए भी यहां पर ज्यादा सक्रियता दिखा सकता है रूस
* सोनिया गांधी और व्लादीमिर पुतिन की भेंट को लेकर सुब्रमनियन स्वामी ने ट्वीट कर जताई थी आशंका
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेट स्टडीज के प्रोफेसर फिलिप एन होवार्ड ने भारत चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की आशंका का खुलासा सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी के सम्मेलन के दौरान किया। 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान कथित रूसी दखल पर केंद्रित सोशल मीडिया पर विदेशी प्रभाव को लेकर सीनेट कमेटी ने इस सम्मेलन का आयोजन किया था। इसी दौरान अमेरिकी सीनेटर सूसन कॉलिंस ने इस संदर्भ में होवार्ड से सवाल पूछा था। अपने जवाब में होवार्ड ने कहा कि रूस उन देशों के चुनाव में दखल देता रहा है जहां का मीडिया पेशेवर नहीं है। उन्होंने कहा कि चूंकि भारत का मीडिया पेशेवर नहीं है इसलिए रूस अपने मीडिया के माध्यम से भारत में होने वाले चुनाव में असर डाल सकता है। उन्होंने रूसी दखल की वजह से भारत में खतरनाक माहौल होने की भी आशंका जताई है।
वैसे भी रूस पर 2016 में अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाम में डोनाल्ड ट्रंप को जिताने में मदद करने का आरोप है। अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसियों ने तो 2017 में स्पष्ट कहा था कि 2016 में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रूस ने दखल दिया था। होवार्ड ने जहां अमेरिका के मीडिया को पेशेवर बताया है वहीं भारत के संदर्भ में उनका कहना है कि भारत के मीडिया संस्थान अभी विकसित हो रहे हैं। इसलिए रूस वहां सक्रिय हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि भारत की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी की नेता सोनिया गांधी इसी साल अप्रैल में रूस के दौरे पर गईं थी, वैसे तो वह अपने पति पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सास इंदिरा गाधी की याद में आयोजति फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन करने गई थीं, लेकिन लगे हाथ रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से भी मिल आईं। तभी से राजनीतिक हलकों में यह चर्चा आम है कि सोनिया ने भारत में होने वाले आम चुनाव के लिए पुतिन से मदद मांगी है। स्वामी ने तो ट्वीट कर मास्को में सोनिया गांधी और पुतिन के बीच हुई बातचीत के लिखित प्रतिलिपि जारी करने की मांग की थी।
Will TDK make public the transcript of her recent conversation in Moscow on 2019 Indian elections with Russian President Putin?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 18, 2018
2019 में भारत में होने वाले आम चुनाव को लेकर जितने अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र का खुलासा इस बार हो रहा है शायद ही इससे पहले कभी हुआ हो। मजेदार बात है कि इन सारे षड्यंत्रों में कांग्रेस खासकर गांधी परिवार के सदस्यों का नाम जुड़ता दिख रहा है। वह चाहे कैंब्रिज एनालिटिका के साथ राहुल गांधी के समझौते का मामला हो या फेसबुक डाटा चोरी का मामला हो या फिर नया मामला रूसी हस्तक्षेप का हो। इससे एक बात तो साफ हो जाती है कि कांग्रेस समझ चुकी है कि देश में उसका जनाधार नहीं बचा है, इसलिए अब वह अतंरराष्ट्रीय स्तर पर षड्यंत्र के तहत चुनाव में उतड़ना चाहती है।
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URL: Oxford University Professor said Russia can influence India’s 2019 elections ,india-speaks-daily-disclosed-it-before
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