1989 में जब बीपी सिंह ने बोफोर्स घोटाले के नाम पर कांग्रेस और राजीव गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था तो वह अक्सर अपने भाषण में कहा करते थे “आज जहां देखो वहीं घोटाला, आकाश की तरफ देखो तो वहां हवाई जहाज का घोटाला, जमीन पर देखों तो तोप बोफोर्स का घोटाला, जमीन की छाती चीर के देखो तो वहां भी पनडुब्बी घोटाला।” उसी तर्ज पर कहा जा सकता है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में जितने भी घोटाले हुए हैं उसमें पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उसके परिवार का नाम जरूर सामने आया है। कहने का मतलब पी चिदंबरम एक तरह से घोटाले के पर्याय बन गए हैं। विदेश हो या स्वदेश या फिर देश का कोई भी प्रदेश। हर जगह हुए घोटाले में पी चिदंबरम का नाम आता ही है।
मुख्य बिंदु
*राजस्थान के एंबुलेंस घोटाले में भी आया पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम का नाम
*सीबीआई ने रवि कृष्ण और अशोक गहलोत समेत कई के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र
राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल के दौरान हुए एंबुलेंस घोटाले में भी सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के अलावा यूपीए के पूर्व मंत्री व्यालार रवि के बेटे रवि कृष्णा अशोक गहलोत, सचिन पायलट आदि लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार का आपराधिक मामला दर्ज किया। इस मामले में सीबीआई ने अगस्त 2015 में इन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
गौरतलब है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल के दौरान साल 2009 में राज्य में अस्पतालों तथा चिकित्सा केंद्रों तक दूर-दराज इलाके के लोगों को लाने के लिए एंबुलेंस सेवा शुरू की गई। तत्कालीन केंद्रीय मंत्री व्यालार रवि के बेटे रवि कृष्णा द्वारा संचालित जिकित्जा हेल्थकेयर नाम की कंपनी को यह काम सौंपा गया। उस समय उस कंपनी के निदेशक तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम थे। लेकिन यह सारा काम सिर्फ कागजों पर होता था हकीकत में कुछ नहीं हुआ था तब विपक्ष में बैठी भाजपा ने इस मामले में घोटाले का आरोप लगाते हुए इसकी जांच कराने की मांग की थी। बाद में साल 2015 में में राज्य के ऑडिटर ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि सिर्फ कागज़ों में मौजूद ज़िकित्ज़ा नाम की इस कंपनी को एम्बुलेंस सेवा मुहैया कराने के लिए पैसों का भुगतान किया गया। ऑडिटर ने बताया कि सरकार को इन एम्बुलेंसों के काल्पनिक चक्करों के फर्जी बिल सौंपे गए। उस रिपोर्ट के आधार पर सरकार पर दस करोड़ रुपये घोटाला का आरोप लगा था।
मालूम हो कि जैसे ही राजस्थान में भाजपा की सरकार बनी वैसे ही पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। जयपुर के मेयर पंकज जोशी की शिकायत पर 31 जुलाई 2014 को शहर के अशोक नगर पुलिस थाने में प्राथमिकी संख्या 256/2014 दर्ज की गई थी। जिसमें गहलोत, पायलट, रवि कृष्ण और कार्ती चिदंबरम को नामजद आरोपी बनाया गया था। बाद में इसे मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया गया। इस बाबत सीबीआई ने जयपुर और मुंबई में ज़िकित्ज़ा हेल्थ केयर कंपनी के दफ्तर में छापेमारी की है।
आज पी चिदंबरम परिवार के किसी सदस्य का नाम किसी घोटाले की प्रामाणिकता का कारक बन चुका है। कोई घोटाला हो और पी चिदंबरम परिवार के किसी सदस्य का नाम न आय तो संदेह हो सकता है कि घोटाला असली है या फर्जी है, परंतु पी चिदंबरम परिवार के नाम आते ही यह तय हो जाता है कि घोटाला तो हुआ ही होगा।
‘ऐम्ब्युलेंस स्कैम’ में UPA के मंत्री व्यालार रवि के बेटे ‘रवि कृष्णा’ के ख़िलाफ़ CBI ने चार्जशीट दायर की. FIR अगस्त 2015 में हुई थी जिसमें अशोक गहलोत, सचिन पाइलट, व्यालार रवि, कार्ति चिदम्बरम और रवि कृष्णा का नाम है. #AmbulanceScam
— Manak Gupta (@manakgupta) June 5, 2018
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URL: P Chidambaram’s family becomes synonymous with scam
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