
भाऊ के नाम से प्रसिद्ध कलाकार विकास पाठक ने फिल्म निर्माता एकता कपूर के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। भाऊ ने आरोप लगाया है कि एकता कपूर की वेबसीरीज के एक सीजन में भारतीय सेना के शौर्य का कलंकित करने का प्रयास किया गया है। भाऊ की नाराज़गी ज़ायज है लेकिन देश के सूचना व प्रसारण मंत्रालय को शायद ये ज़ायज नहीं लगती होगी। मंत्रालय को भारतीय सेना को कलंकित करने का प्रयास शायद देशद्रोह के समक्ष नहीं लगता होगा। आप एकता कपूर की गिरफ्तारी की मांग करे, उससे पहले ये भी देखे कि निर्माता अनुष्का शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ‘पाताल लोक‘ नामक वेबसीरीज से अनुष्का ने हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई थी लेकिन कानून के लंबे हाथ अब तक उन तक नहीं पहुँच सके तो एकता कपूर तक क्या पहुंचेंगे।

ऑल्ट बालाजी वेब सीरीज के दूसरे सीजन में एक फौजी की कहानी दिखाई जा रही है। ये फौजी जब ड्यूटी पर जाता है तो पत्नी दूसरे व्यक्ति के साथ अनैतिक संबंध स्थापित करती है। भाऊ ने आरोप लगाया है कि इस फिल्म में सेना की वर्दी का भी अपमान किया गया है। खार पुलिस थाने पर एकता कपूर और शोभा कपूर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने के बाद भाऊ ने एक वीडियो भी शेयर किया। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को भी टैग किया है। भाऊ का ये आक्रोश कहाँ तक जाएगा, अभी से नहीं कहा जा सकता और ना पक्का कहा जा सकता है कि सरकार इस बारे में कोई संज्ञान लेगी क्योंकि इससे पूर्व ‘पाताल लोक’ को लेकर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
हमारे देश में एकता कपूर जैसे फिल्म निर्माता अपनी फिल्मों के जरिये कितनी भी गंद फेंके लेकिन समाज में उनको अच्छा-खासा सम्मान दिया जाता है। क्या आप विश्वास करेंगे कि इसी साल एकता कपूर को कला के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। मैं हक्का-बक्का होकर सोचने लगता हूँ और मैग्नीफाइंग ग्लास से एकता कपूर की फ़िल्मी और टीवी की यात्रा को देखने लगता हूँ। सच कहूं मुझे बालाजी फिल्म्स का एक क्रिएशन ऐसा नज़र नहीं आता, जिसके लिए उन्हें पद्मश्री जैसा सम्मान दिया जाए। उनके अनगिनत पारिवारिक धारावाहिकों के लिए, जिनमे हवेलीनुमा घर हैं, महंगी ज्वेलरी और साड़ियों से लदी महिलाएं हैं। उनमे मुझे ‘सनातन’ की जगह षड्यंत्र दिखाई देते हैं। ऑल्ट बालाजी जैसे प्लेटफॉर्म पर फूहड़ सेक्स कहानियां परोसी जाती हैं। क्या इसके लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। उनके कौनसे क्रिएशन से समाज में परिवर्तन आया या कोई सरकारी नीति बनाई गई।
जिस तरह से विक्रम भट्ट अपनी फिल्मों के लिए ‘हॉरर जॉनर’ का इस्तेमाल करते हैं, वैसे ही एकता कपूर अपना माल बेचने के लिए ‘सेक्स’ का इस्तेमाल करती है। अब भारतवासियों को आश्चर्य करना बंद कर देना चाहिए क्योंकि परदे पर सेक्स बेचने वाली को पद्मश्री दिया जा रहा है। नई सरकार के इस दौर में बहुत अच्छे काम हुए हैं। बहुत सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं लेकिन मनोरंजन और मीडिया का जो पतन इस सरकार के कार्यकाल में हुआ है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। इस भयंकर चयन के मापदंडों से घबराकर पद्मश्री शर्माकर कोने में जा छुपा है। उसका गर्व, उसका तेज़ एकता कपूर जैसे लोगों ने हर लिया है। ये भारतीय मनोरंजन के पतन की पराकाष्ठा है। हमारी फ़िल्में हमारी ही प्रतीत नहीं होती, जाने कैसा और कौनसा समाज हम इनमे देखते हैं।
दुःख की बात है कि वेब प्लेटफॉर्म पर बनाई जा रही इन गन्दी फिल्मों पर लगाम कसने के लिए भारत सरकार के पास कोई कानून ही नहीं है। जैसे कि फेक न्यूज़ रोकने के लिए हमारे पास कोई कानून नहीं है। पिछले पांच वर्ष में हम एक शक्तिशाली राष्ट्र बनकर उभरे हैं लेकिन मनोरंजन और मीडिया के क्षेत्र में हमारा पतन ही हुआ है। हिंदुत्व और भारत के विरुद्ध एक प्रचार युद्ध छेड़ दिया गया है, जिससे लड़ने के लिए हमारे पास न योग्य लोग हैं और न मजबूत कानून। हर देश की फ़िल्में अपने यहाँ की संस्कृति, भाषा और रहन-सहन की प्रतिनिधि होती हैं लेकिन भारत की फ़िल्में एक फौजी की पत्नी के विवाहेतर संबंध दिखाती है और ये दिखाती है कि एक ब्राम्हण बलात्कार करने से पूर्व अपनी जनेऊ चढ़ा लेता है। ऐसा कौनसा देश होगा, जो अपनी ही संस्कृति को अपमानित करती फ़िल्में बनने देता होगा। शायद भारत को छोड़कर कोई नहीं।
I dont care about what Ekta makes to sell her wares ,but the issue is of I & B Minister ,the biggest idiot in the cabinet who does everything else except his OWN JOB . It is high timeModi kicks him out .