आईएसडी नेटवर्क। ये बहुत चौंकाने वाली खबर है कि पाकिस्तानी फिल्म ‘लेजेंड ऑफ़ मौला जट’ भारत में प्रदर्शित की जा रही है। इस बारे में सबसे पहला समाचार ‘बॉलीवुड हंगामा’ नामक वेब पोर्टल पर छापा गया था। सरकार के सूत्रों की ओर से आधिकारिक रुप से इस पर कुछ नहीं कहा गया है। रिपोर्ट के अनुसार ज़ी स्टूडियोज ने भारत के लिए इस फिल्म के रिलीज अधिकार खरीद लिए हैं। इस खबर के बाहर आते ही व्यापक रुप से इसका विरोध शुरु हो गया है। इस बारे में सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान न आने का अर्थ मूक सहमति के रुप में लगाया जा रहा है।
22 दिसंबर को फिल्मों की खबरे देने वाले एक स्थापित वेब पोर्टल बॉलीवुड हंगामा ने एक खबर प्रसारित की। खबर में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया कि पाकिस्तानी फिल्म ‘लेजेंड ऑफ़ मौला जट’ आगामी 30 दिसंबर को भारत में प्रदर्शित होने जा रही है। चूँकि ये फिल्म बड़ी हिट हुई है, इसलिए ज़ी स्टूडियोज इसे भारत में रिलीज करना चाहता है।
बॉलीवुड हंगामा की खबर के अनुसार ये फिल्म उत्तरप्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और पंजाब में प्रदर्शित की जा सकती है। इसे मुंबई, पुणे, हैदराबाद और बेंगलुरु में भी रिलीज किया जा सकता है। इस अज्ञात सूत्र ने ‘बॉलीवुड हंगामा’ को बताया है कि ‘लेजेंड ऑफ़ मौला जट’ पहले 23 दिसंबर को ‘सर्कस’ के साथ रिलीज की जानी थी लेकिन इससे फिल्म को नुक़सान हो सकता था। इस कारण रिलीज आगे बढ़ाकर 30 दिसंबर की गई।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता अमेया खोपकर ने एक चेतावनी जारी करते हुए चेतावनी दी कि उनकी पार्टी पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान की पाकिस्तानी फिल्म ‘द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ को किसी भी हाल में भारत में रिलीज नहीं होने देगी। इस मामले में सरकार का आधिकारिक बयान न आना हैरान कर रहा है।
यदि ये खबर गलत है तो सरकार के सूचना व प्रसारण विभाग को ‘बॉलीवुड हंगामा’ को नोटिस भेजकर तलब करना चाहिए। फिल्मों के लिए ज़िम्मेदार मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है। यदि अब तक ऐसा नहीं किया गया है तो साफ़ है कि फिल्म की रिलीज को केंद्र ने मूक सहमति दे दी है। उल्लेखनीय है कि सन 2019 में केंद्र सरकार ने जब कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द कर दिया तो पाकिस्तान की सरकार ने भारतीय फिल्मों की रिलीज पर रोक लगा दी।
इस रोक के बाद पाकिस्तान में भारतीय फ़िल्में प्रदर्शित नहीं हो रही हैं। ये जानते हुए भी ‘लेजेंड ऑफ़ मौला जट’ को भारत में रिलीज किया जाता है तो भारत सरकार को इस मामले पर जवाब देना ही होगा।