अर्चना कुमारी। जिसके आगे पीछे पुलिस घूमती थी और वह खुद मुंबई पुलिस का मुखिया था उसे अब देश भर की पुलिस तलाश रही है क्योंकि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह को कोर्ट ने फरार घोषित कर दिया है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि मुंबई क्राइम ब्रांच ने उन्हें भगोड़ा घोषित करने के लिए अर्जी दी थी, जिसे कोर्ट ने मान ली। पुलिस का कहना है कि गोरेगांव पुलिस में परमवीर सिंह समेत अन्य लोगों पर मामला दर्ज हुआ था, इसी मामले में उन्हें फरार घोषित किया गया ।
कोर्ट का कहना है कि 30 दिनों में अगर परमवीर सिंह जांच एजेंसियों के सामने हाजिर नहीं होते हैं तो उनकी प्रॉपर्टी अटैच की जाएगी। इस केस में जांच कर रही मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कोर्ट ने भारतीय पुलिस सेवा के अफसर परमबीर सिंह को ‘‘फरार घोषित’’ किए जाने की अपील की थी कि उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद भी उनका कुछ सुराग नहीं लग पा रहा। बताया जाता है कि मुंबई में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने बुधवार को पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को उनके खिलाफ दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में ‘भगोड़ा’ घोषित कर दिया।
मुंबई अदालत का यह फैसला मुंबई पुलिस द्वारा दायर एक आवेदन के बाद सामने आया है, जिसमें मुंबई पूर्व पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह को ‘भगोड़ा’ घोषित करने की मांग की गई थी, जो कि कई महीनों से लापता हैं। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस. बी. भजपले ने सिंह के खिलाफ आदेश पारित किया।
इससे पहले, मुंबई और ठाणे की अदालतों ने मुंबई के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था, जो वर्तमान में महाराष्ट्र होम गार्डस के महानिदेशक के रूप में तैनात हैं और इससे पहले मुंबई की अपराध शाखा ने पूर्व पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह को उपनगर गोरेगांव में एक पुलिस थाने में उनके एवं अन्य के खिलाफ दर्ज वसूली के मामले में भगोड़ा आरोपी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की थी। गौरतलब है कि पहले परमवीर सिंह के बारे में कहा गया हुआ चंडीगढ़ अपने आवास पर है जबकि
उनके रूस भागने की भी खबर सामने आई जिस पर टिप्पणी करते हुए महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल का कहना है कि आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह कहां हैं, इसका पता लगाया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार इस काम में मदद के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय का सहयोग मांगा है और इसके बाद गृह मंत्रालय भी उनका पता लगा रहा है।
लेकिन इसके बावजूद उनका कुछ भी अता पता नहीं चला। गौरतलब है कि परमवीर सिंह के आरोप पर सीबीआई राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की वसूली के आरोपों की जांच कर रही है। सीबीआई के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। मुंबई और ठाणे के पूर्व पुलिस आयुक्त रह चुके परमबीर सिंह के खिलाफ जबरन वसूली की कम से कम चार प्राथमिकी दर्ज की हैं।