ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया के खिलाफ नागरिक अधिकारों की अवहेलना के मामले में मिली शिकायत के आधार पर सूचना एवं प्रौद्योगिकी मामले के संसदीय समिति ने समन जारी कर 11 फरवरी को पेश होने को कहा है। यूथ फॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी के सदस्यों ने ट्विटर और फेसबुक पर कांग्रेस और वामपंथी विचाराधारा के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए रविवार को नागरिक अधिकार की सुरक्षा के समर्थन में प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्विटर और फेसबुक ने व्यवस्थित रूप से ऐसे व्यक्तियों की ‘बोलने की आजादी’ पर रोक लगाने की कोशिश की है जो गैर-वामपंथी विचारधारा के होते हैं। ट्विटर और फेसबुक ने ऐसे हैंडल को निलंबित करके, उनको ट्रेंड लिस्ट में पहुंचने से भी रोका है।
The Parliamentary Commitee on Information Technology will examine the issue:
SAFEGUARDING CITIZENS RIGHTS ON SOCIAL/ONLINE NEWS MEDIA PLATFORMS
MEITY & TWITTER will present their views.
You can tweet/email your views:
comit@sansad.nic.in pic.twitter.com/bDYoSv5OHd
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) February 5, 2019
लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर ने अपने ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी है कि सूचना प्रौद्योगिकी मामले को देखने वाली संसदीय समिति इस मामले की जांच करेगी। उन्होंने लिखा है कि सोशल मीडिया तथा ऑनलाइन न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म पर नागरिक अधिकार सुरक्षा मामले में मेटी तथा ट्वीटर अपना पक्ष रखेंगे। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले पर लोगों से अपना विचार रखने के लिए ट्वीट करने को कहा है।
Parliamentary committee on IT summons @TwitterIndia on feb 11th on the issue of “safeguarding rights of citizens on social/online news platforms”. There have been allegations of bias against the platform. @GoI_MeitY also asked to come.
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) February 5, 2019
इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि संसदीय समिति ने ट्विटर इंडिया को सोशल और ऑनलाइन न्यूज प्लेटफार्म पर नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा मसले पर समन जारी कर उन्हें 11 फरवरी को पेश होने का कहा है। संसदीय समिति ने इस मामले में मेटी को भी हाजिर होने को कहा है।
Memorandum sent to @misskaul regarding our #ProtestAgainstTwitter pic.twitter.com/wtQ09ixksy
— Vikas Pandey (Sankrityayan) (@MODIfiedVikas) February 5, 2019
वहीं इस मामले में एक ज्ञापन भी भेजा गया है। यूथ फॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी ट्विटर के खिलाफ अपने प्रदर्शन को लेकर एक ज्ञापन भेजा है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में ट्विटर और फेसबुक ने बहुत ही पक्षपातपूर्ण तरीके से ऐसे लोगों की ‘बोलने की आजादी’ पर रोक लगाने की कोशिश की है जो गैर-वामपंथी विचारधारा के होते हैं। ट्विटर के इस पक्षपातपूर्ण रवैये के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले यूथ फॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी के सदस्यों का कहना है कि चुनावी साल में किसी एक पार्टी के पक्ष में ऐसी पक्षपाती साजिश से चुनाव प्रभावित हो सकता है। गौर हो कि ट्विटर की इस तानाशाही रवैये के विरोध में यूथ फॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी के सदस्यों ने ट्विटर के दफ्तर के बाहर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया था।
प्रदर्शनकारियों के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में @Twitter और @facebook ने व्यवस्थित रूप से ऐसे व्यक्तियों की 'बोलने की आजादी' पर रोक लगाने की कोशिश की है जो गैर-वामपंथी विचारधारा के होते हैं https://t.co/9tozZRKNOQ
— Firstpost Hindi (@firstposthindi) February 3, 2019
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वामपंथी विचारधारा वाले और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के अपमानजनक, अभद्र और धमकी वाले ट्वीट की अनदेखी कर रहा है। यहां तक कि प्रोपेगेंडा चलाने और फेक न्यूज फैलाने वाले ऐसे हैंडलर्स का एकाउंट भी वैरिफाइड कर रहा है। उनका कहना है कि चुनावी साल में इस प्रकार किसी एक पार्टी का पक्ष लेना भारतीय लोकतंत्र के फ्री एंड फेयर इलेक्शन के विचार के खिलाफ है।
Thanks to all who helped in #ProtestAgainstTwitter. Your hard work is bearing fruit 🙏 pic.twitter.com/Pk5Gp91zvA
— Vikas Pandey (Sankrityayan) (@MODIfiedVikas) February 5, 2019
यूथ फॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी के सदस्यों ने ट्विटर के खिलाफ चलाए विरोध अभियान में साथ देने वालों की कृतज्ञता जताई है।
URL : Parliamentary committee summons twitter and meity on ban!
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